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रीवा। सिरमौर चौराहा स्थित शासकीय पीके स्कूल के अनुशासनहीन व रिश्वतखोर बाबू को हटा दिया गया है। यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार को की। डीईओ जीपी उपाध्याय ने बाबू जितेंद्र पाण्डेय को आगामी आदेश तक शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में पदस्थापना दी है। प्रकरण में बताते हैं कि श्री पाण्डेय के विरुद्ध डीईओ कार्यालय में शिकायत हुई थी। इस शिकायत की जांच कराने के लिए डीईओ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। बीईओ ने गत 26 नवम्बर को अपना जांच प्रतिवेदन डीईओ के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसके के आधार पर श्री पाण्डेय के विरुद्ध यह कार्रवाई की गई है।
जांच प्रतिवेदन में यह पुष्ट हुआ है कि श्री पाण्डेय द्वारा विद्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के साथ अभद्रता की जाती है। साथ ही स्वत्वों के निराकरण अनावश्यक विलम्ब किया जाता है तथा निराकरण हेतु अनुचित मांग भी की जाती है। इस तरह श्री पाण्डेय द्वारा कर्मचारियों को बेवजह मानसिक रुप से प्रताडि़त किया जाता है, जिससे विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। प्रतिवेदन में उल्लेखित उक्त बिंदुओं को देखते हुए डीईओ ने प्राथमिक तौर पर श्री पाण्डेय को विद्यालय से हटा दिया है। इसके उपरांत उनका तबादला अन्य किसी कार्यालय में भी किया जा सकता है। तब तक श्री पाण्डेय का वेतन आहरण पीके स्कूल से ही होगा।
कारस्तानी फिर बनी चर्चा का विषय
गौरतलब है कि करीब आठ वर्ष पहले उक्त बाबू की पदस्थापना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में थी। उस समय उक्त बाबू द्वारा मान्यता प्रकरणों को लेकर भी जमकर लूटखसोट की गई। बाबू की इन हरकतों की वजह से तत्कालीन अधिकारियों की जमकर छीछालेदर भी हुई, जिसके चलते श्री पाण्डेय को डीईओ कार्यालय से हटा दिया गया था। इसके बाद से जुगाड़ बनाकर श्री पाण्डेय पीके स्कूल में पदस्थ हो गए, जहां उनकी कारस्तानी अब फिर चर्चा का विषय बन गई है।
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दल के सदस्य* – श्री राजेश पाठक निरीक्षक. जिया उल हक व सुरेश साकेत
मुकेश मिश्रा धर्मेन्द्र जायसवाल शिवेंद्र मिश्रा विजय, पवन 2 पांच
साक्षी सहित 12 सदस्यीय टीम