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रीवा।108 एम्बुलेंस रीवा व विंध्य की जनता के लिए संजीवनी बनी। 7 महीने में दिल की धड़कन रुकने के पहले ही 945 को अस्पताल पहुंचाया। एक्सीडेंट में घायल 1786 लोगों को मौत के मुंह से निकाल कर इलाज उपलब्ध कराया है। 7 जिलों में रीवा ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक कार्डियक और एक्सीडेंट के मामले कवर किए गए। आंकड़े चौकाने वाले हैं। रीवा कार्डियक के मामलों में भी सबसे आगे रहा है।
सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। इस सेवा ने कमाल कर दिया है। लोगों की जान बचाने का नया रिकार्ड बनाया है। दिल की बीमारों से लेकर सड़क हादसे में घायलों को बचाने में एम्बुलेंस 108 ने कसर नहीं छोड़ी। मरते हुए लोगों के लिए यह संजीवनी बन कर सामने आई है। 7 महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो विंध्य में रीवा के रिकार्ड चौकाने वाले हैं। यहां सबसे अधिक कार्डियक अरेस्ट के केस एम्बुलेंस 108 ने कवर किए हैं। इतना ही नहीं एक्सीडेंट के मामलों में भी टॉप पर ही है। 7 महीने में 1786 घायलों को एम्बुलेंस ने जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में एम्बुलेंस 108 सेवा जेएईएस के पास है। रीवा जिला में 55 एम्बुलेंस कंपनी की दौड़ रही हैं। लोगों की जान बचाने में लगी हुई हैं।
108 एम्बुलेंस ने 7 महीने में इतने मरीजों को पहुंचाया अस्पताल
जिला कार्डियक ट्रामा
रीवा 945 1786
सतना 523 1596
सीधी 168 778
सिंगरौली 50 369
शहडोल 232 656
उमरिया 168 516
अनूपपुर 192 631
योग 2278 6332
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सितंबर और नवंबर में ज्यादा अटैक आए
रीवा में हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले अक्टूबर और नवंबर में सामने आए। एम्बुलेंस 108 संजीवनी ने मई में 34, जून में 70, जुलाई में 92, अगस्त में 161, सितंबर में 178, अक्टूबर में 218 और नवंबर में 192 मामले टेकल किए। इन सभी को गंभीर हालत में अस्पताल तक पहुंचाया। 7 महीने में कुल 954 लोगों को इलाज को हॉर्ट अटैक की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया।
बाक्स…
अक्टूबर में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
एम्बुलेंस 108 सड़क हादसें में घायलों के लिए वरदात साबित हुई। सबसे अधिक दुर्घटना अक्टूबर 2022 में हुई। 408 दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रीवा में सड़क हादसों में कितना अधिक इजाफा हुआ है। अक्टूबर माह में एक दिन में औसतन 13 सड़क हादसे में घायल हुए। इन घायलों में कईयों की जान बचाने में एम्बुलेंस 108 ने महती भूमिका निभाई। पहले यह सुविधा नहीं होने पर घायल बिना इलाज के मौके पर ही दम तोड़ देते थे।
मंथवार टेकल किए गए मामलों की स्थिति
मंथ कार्डियक ट्रामा केस
मई 34 204
जून 70 207
जुलाई 92 216
अगस्त 161 225
सितंबर 178 209
अक्टूबर 218 408
नवंबर 192 317
योग 945 1786
एम्बुलेंस 108 सेवा अब एप से भी मिलेगी
एमरजेंसी सर्विस एम्बुलेंस 108 का संजीवनी एप अब एंड्रायड के साथ आईओएस प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। यानी अब यह एंड्राइड फोन यूजर्स के साथ आईफोन यूजर्स भी डाउनलोड करके इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि इसे पहले ही शुरू करदिया था और अब तक टेस्टिंग चल रही थी। इस एप से एम्बुलेंस के साथ ही नजदीकी अस्पताल के बारे में भ जानकारी हासिल कर सकते हैं। ब्लड बैंक की जानकारी भी जोड़ी जा रही है।
निजी वाहन की जगह एम्बुलेंस का करें उपयोग
दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति को तुरंत विशेष समयाविध यानि एक घंटे के अंद अस्पताल पहुंचाने के समय को गोल्डेन ऑवर कहते हैं। यह शुरू के एक घंटे बहुत ही जरूरी होते हैं। इस गोल्डेन ऑवर में यदि मरीज अस्पताल पहुंच जाता है तो उसके बचने के चांसेज बढ़ जाते हैं। आम आदमी ऐसे में निजी वाहनों की जगह एम्बुलेंस का उपयोग करें। ताकि घर से ही मरीज को चिकित्सा की सुविधा मिल सके।
वर्सन…
हमारे द्वारा मप्र में 2 हजार से अधिक संजीवनी 108 एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। जय अंबे एम्बुलेंस सर्विस द्वारा पिछले 7 महीने में 12 लाख से अधिक लोगों को सेवा दी जा चुकी है। इसमें प्रमुख आपातकालीन के एक्सीडेंट, कार्डियक और पे्रगनेंसी की केस शामिल हैं। एम्बुलेंस कर्मचारी पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ सेवा में तत्पर हैं। मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भी 108 एम्बुलेंस की सुविधा ली जा सकती है।
तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर
मप्र जेएईएस 108 एम्बुलेंस सेवा