रीवा। स्वास्थ्य विभाग में फिर एक बड़े फर्जीवाड़े की शिकायत भोपाल तक पहुंची है। भोपाल से मामले में जांच के भी आदेश जेडी स्वास्थ्य सेवाएं रीवा को दिए गए है। जेडी रीवा ने उप संचालक को जिम्मेदारी सौंप दी है। जांच के बाद ही मामले में फर्जीवाड़े का पता चलेगा। मिली जानकारी के अनुसार इस मर्तबा स्वास्थ्य विभाग में निशाने पर डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा है। इनके खिलाफ आशा, ऊर्षा और आशा सहयोगिनी संघ मप्र ने मोर्चा खोला है। अध्यक्ष ने फर्जीवाड़ा की शिकायत मिशन संचालक एनएचएम से की थी। इस मामले में जेडी लोक शिक्षण को जांच के आदेश जारी किए गए हैं। 15 दिन में जांच की रिपोर्ट मांगी है। जांच की जिम्मेदारी हालांकि जेडी रीवा ने उप संचालक डॉ संजीव शुक्ला को सौंप दी है। यदि लगाए गए आरोप सही हुए तो एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा। हालांकि यह फर्जीवाडा़ एचबीएनसी के तहत किए गए भुगतान से जुड़ा हुआ है। दो वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए भुगतान की जांच कराने की मांग की गई थी। इसके जांच के निर्देश दिए गए हैं।
यह की गई थी शिकायत
आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी संघ ने मिशन संचालक से 7 अगस्त 2022 को एक शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि रीवा जिले में आशा कार्यक्रम को जिला स्तर पर चलाने की जिम्मेदारी डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा की है। जो कि संविदा कर्मचारी हैं। इनके द्वारा आशा कार्यक्रम अंतर्गत एचबीएनसी भुगतान में ब्लाक से सेटिंग करके लाखों के फर्जी एचबीएनसी का भुगतान पत्रक तैयार करवाया गया। इसका भुगतान भी ब्लाकों से कराया गया है। शासन की आशा गाइड लाइन में है कि किसी महिला के प्रसव के बाद 7 से 8 बार उस महिला के घर पहुंच कर नवजात की जांच आशा को करना होता है। सही भ्रमण होने पर ही इसका ब्लाक से पेमेंट होता है। जिला के डीसीएम की यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वो यह देखे कि क्या सही सही बच्चों का स्वास्थ्य चेक आशा द्वारा एचबीएनसी गाइडलाइन के अनुसार किया गया है या नहीं। इसी में हेरफेर किया गया है। फर्जी तरीके से एचबीएनसी के लाखों रुपए का भुगतान करके बंदरबांट किया जा रहा है। रीवा जिले के 2020-21, 2021-22 में हुए एचबीएनसी के भुगतान का आशा साफ्टवेयर और विभाग के पेमेंट वाले साफ्टवेयर ई वित्त से निकालकर फर्जी भुगतान का फील्ड वेरीफिकेशन कराए जाने की मांग की गई थी। शिकायत और मांग पर एक्शन हुआ है। उप संचालक शिकायत एनएचएम ने पत्र क्रमांक 6124/2022/एनएचएम/ एफ-1388/ कम्प्लेन में जांच के निर्देश दिए हैं। 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
वर्सन…
चार दिन पहले ही पत्र मिला है। जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ सामने आ पाएगा।
डॉ संजीव शुक्ला
उप संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं रीवा
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