रीवा। लोकायुक्त पुलिस रीवा मैहर तहसीलदार के रीडर को रंगे हाथ पकडऩे फिराक में ही थी कि आरोपी ने घूस का पैसा लेकर दौड़ लगा दी और दीवार फांद कर रफूचक्कर हो गया। इस तरह का घटनाक्रम बुधवार दो नबंवर को मैहर के तहसील परिसर में उस वक्त सामने आया जब लोकायुक्त पुलिस रीवा आरोपी रीडर को रंगहाथ पकडऩे की ताक में थी। बता दें कि आरोपी रीडर इसके पूर्व मझगवां तहसील में पदस्थापना दौरान भी घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था, जो अभी विवेचना में है। कार्रवाई के संबंध में लोकायुक्त रीवा पुलिस से मिली जानकारी अनुसार फरियादी नारायण सोनी निवासी सोनवारी तहसील मैहर सतना ने लोकायुक्त पुलिस रीवा से शिकायत की थी कि उसके द्वारा मैहर में एक प्लाट खरीदा गया था, जिसके नामांतरण हेतु तहसील न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। आरोपी तहसीलदार मैहर का रीडर विनोद गुप्ता सहायक वर्ग दो द्वारा नहीं किया जा रहा है और रिश्वत की मांग की जा रही है। लोकायुक्त एसपी ने शिकायत को संज्ञान मे लेकर शिकायत की तफ्शीश उपरांत दो नवंबर को आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए टीम भेजी। टीम आरोपी को पकडऩे के फिराक में सिवलि ड्रेस में इधर उधर घूम ही रही थी। शिकायतकर्ता नारायण सोनी ने आरोपी को रिश्वत के 1500 रुपए जैसे ही पकड़ाए, आरोपी रीडर को नारायण के हाव-भाव को देखकर शंका हुई और उसने पैसा लेकर दौड़ लगा दी। वह तहसील कार्यालय की बाउंड्रीवॉल फांद कर भाग गया। लोकायुक्त पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। कार्रवाई निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई। टीम में डीएसपी राजेश पाठक, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, सुरेश कुमार, पवन पांडेय, आरक्षक धर्मेंद्र जायसवाल, सुजीत कुमार, लवलेश पांडेय, शिवेंद्र मिश्रा सहित 12 सदस्यीय टीम मौजूद रही।
आरोपी विनोद गुप्ता बुधवार को 1500 रुपए रिश्वत लेकर लोकायुक्त के हाथों से बचकर निकलने में सफल रहा। लेकिन 2019 में मझगवां तहसील में पदस्थापना दौरान पांच हजार रुपए घूृस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है। लोकायुक्त पुलिस अभी विवेचना कर रही है। इससे पहले अपराध क्रमांक 134/19 दर्ज है
घूसखोरी के आरोपी को दोबारा क्यों दिया वही प्रभार
आरोपी रीडर विनोद गुप्ता को एक बार पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका था तो दोबारा उसे वही कार्य क्यों प्रभार में दिया गया, यह जांच का विषय है। संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही तहसीलदार की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
आरोपी के भागने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उसके घूस लेने के साक्ष्य हैं। प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिए गया है। साथ तहसीलदार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांग गया है। आरोपी पूर्व में भी रंगे हाथ पकड़ा गया था।
गोपाल सिंह धाकड़
एसपी लोकायुक्त रीवा
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