रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। हास्टल में रहने वाले सीनियर छात्र एक जूनियर को लबे समय से टार्चर कर रहे थे। सुबह शाम उसकी पिटाई करते थे। अपने सारे काम करा रहे थे। रैगिंग से परेशान छात्र ने इसकी शिकायत दिल्ली तक की है। एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज होते ही देश से लेकर प्रदेश तक हड़कंप मच गया है। डीन को जांच के निर्देश दिए गए हैं। डीन ने जांच टीम बना दी है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई तय है। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा के कई हास्टल संचालित है। पीटीएस में यूजी बालक छात्रावास, यूजी कन्या छात्रावास, यूजी कन्या छात्रावास है। एक गल्र्स हास्टल और ब्वायज हास्टल मेडिकल कॉलेज के पीछे संचालित है। इन हास्टल में सुरक्षा की नजर अंदाजगी अब भारी पडऩे लगी है। पीटीएस के संस्कृत छात्रावास में कुछ दिन पहले ही छात्र और छात्राएं कमरे में पकड़े गए थे। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि नया मामला सामने आ गया है। पीटीएस में संचालित ब्वॉयज हास्टल में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक वर्ष 2021 बैच के एमबीबीएस छात्र की लंबे समय से रैङ्क्षगग किए जाने का मामला सामने आया है। विंध्यवाणीछात्र को वर्ष 2020 और 2018 के सीनियर छात्र मिलकर प्रताडि़त कर रहे थे। छात्र ने रैङ्क्षगग से परेशान होकर सीनियरों के खिलाफ बगावत कर दी। इसकी शिकायत चुपचात एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में दर्ज करा दी। मामला दिल्ली पहुंचने के बाद श्याम शाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मिली भगत और लापरवाही की भी कलई खुल गई है। सीनियर छात्र जूनियरों पर अत्याचार करते रहे लेकिन उनकी कि ने नहीं सुनी। यही वजह है कि उन्हें हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ा। अब दिल्ली से मेल डीन के पास पहुंचा है। डीन ने जांच के निर्देश दिए हैं। टीम बना दी गई है। टीम मामले की जांच करेगी। छात्रों के बयान दर्ज करेगी। जो भी रिपोर्ट होगी। डीन को सौंपी जाएगी। उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहंी जानकारी दिल्ली भी भेजनी होगी।
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इन पर है आरोप
पीटीएस यूजी छात्रावास में जूनियर से रैगिंग लिए जाने के मामले में चार छात्रों पर आरोप लगाए गए हैं। इसमें एबीबीएस के फाइनल ईयर के छात्र पराग, वर्ष 2020 बैच के छात्र आदर्श, अभिषेक और देव सिंह पर आरोप लगाए गए हैं। इनकी शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि सीनियर छात्र पीडि़त छात्र को प्रवेश लेने के बाद से प्रताडि़त कर रहे थे। मारपीट करने के साथ ही अन्य कार्य भी करा रहे थे।
इसके पहले गल्र्स हास्टल में हुआ था कांड
इसके पहले संस्कृत कन्या छात्रावास का भी एक गंभीर मामला सामने आया था। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले वर्ष 2017 के बैच के छात्र और छात्रा कन्या हास्टल के कमरे में रंगरलियां मनाते पकड़े गए थे। दोनों छात्रों के गल्र्स हास्टल में पकड़े जाने के बाद प्रबंधन को बैठक बुलानी पड़ी थी।
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कॉलेज प्रबंधन की भी लापरवाही उजागर
ब्वायज हास्टल में रैगिंग की बात सामने आने के बाद हास्टल और कॉलेज प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्रों को हास्टल में बुरी तरह से प्रताडि़त किया जा रहा था लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लगी। हास्टल में तैनात कर्मचारियों तक ने इसकी रिपोर्टिंग नहीं की। छात्र की सुनवाई स्थानीय स्तर पर नहीं हुई। यही वजह है कि उसे हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ा।
वर्सन…
हां, एंटी रैगिंग हेल्पलाइन से एक मेल आया है। मेल रिसीव हो गया है। कॉलेज लेबल पर जांच पहले करेंगे। जांच टीम बन गई है। डीन ने मुझे ही जिम्मेदारी दी है। पहले जांच करके डीन को प्रतिवेदन देंगे। इसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी एक्शन लेगी।
डॉ आदेश पाटीदार, वार्डन
मेडिकल कॉलेज यूजी ब्वायज हास्टल पीटीएस रीवा
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