सीधी। स्वास्थ्य विभाग में जेडी के सामने ही गड़बड़झाला चल रहा है और उन्हें भनक तक नहीं है। एक कर्मचारी गलत तरीके से नियमितीकरण का फायदा लिया। बाद में जांच हुई और फर्जीवाड़ा पकड़ाया। नियमितीकरण आदेश निरस्त हुआ और कंटीजेंसी में सीधी भेज दिया गया। फिर भी पांच सालों से कर्मचारी रीवा में ही पदस्थ है। यहीं सेवाएं चल रही हैं। रेग्युलर का ही फायदा उठा रहा है। मेडिकल बिल तक धड़ल्ले से पास करा रहा है। शासन को लाखों का नुकसान होने के बाद भी अधिकारियों के कान नहीं खड़े हुए।
मामला जेडी स्वास्थ्य सेवाएं में काम कर रहे केसी त्रिपाठी (कृष्ण चन्द्र त्रिपाठी) कार्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा का है। कृष्ण चन्द्र त्रिपाठी पिता अंजनी त्रिपाठघ्ी की प्रथम नियुक्ति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीधी मप्र के आदेश क्रमांक/मुचिअ/स्था/ 92/ 9997-10004 सीधी दिनाक 12 फरवरी 1992 द्वारा कलेक्टर दर पर आकस्मिक कर्मचारी के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नकझर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल सीधी में की गई थी। के सी त्रिपाठी की नियुक्ति 12 फरवरी 1992 के आदेश क्रमांक मुचिअ/स्था/92 को अस्थाई कन्टीजेंसी भृत्य के पद पर सीधी जिले में हुई थी। इन्होंने विभाग को गलत जानकारी देकर दिनांक 18 नवंबर 2009 को आदेश क्रमांक लीगल/स्था/ अवि/2009 एक अवैधानिक आदेश करा लिया था। इसमें आदेश जारी होने के 19 वर्ष पूर्व से नियमित कर दिया गया। यानि कन्टीजेंसी में ज्वाइन करने के 11 महीने बाद से ही नियमित कर दिया गया। जबकि शासन द्वारा आदेशित है कि नियमितीकरण का लाभ आदेश जारी होने के दिनांक से दिया जाता है। इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई कि केसी त्रिपाठी का वर्ष 2004-05 में वरिष्ठता सूची में वरीयता क्रमांक 61 था। इसके आधार पर भी नियमितीकरण नहीं किया जा सकता। 7 जनवरी 1993 से नियमित मान्य कर नियमित वेतनमान की स्वीकृति भी प्रदान की गई है, जो विधि अनुकूल नहीं मानी गई। जब क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य विभाग रीवा को केसी त्रिपाठी का यह कार्य संज्ञान में आया तो विभाग ने इसकी जांच कराई तो केसी त्रिपाठी का नियमितीकरण अवैध पाया गया। अवैधानिक स्थाईकरण का आदेश 28 मार्च 2017 को पत्र क्रमांक लीगत/ 2009/ 12609 द्वारा निरस्त कर कन्टीजेंसी के पद पर पदस्थ कर दिया गया। पत्र क्रमांक 2214-24 दिनांक 7 अप्रैल 2017 को मुख्य चिकित्सा अध्ािकारी सीधी के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था। इसकी जानकारी क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य रीवा ने जबलपुर हाईकोर्ट में डब्लपी क्रमांक 13568/2014 में शपथ पत्र देकर दी है। फिर भी क्षेत्रीय कार्यालय स्वास्थ्य विभाग रीवा में केसी त्रिपाठी जमे हैं। लगातार हर महीने फर्जी बिल लगाकर हजारों रुपए का भुगतान ले रहे हैं। जबकि आकस्मिक कर्मचारी पद पर मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जा सकता है। हद तो यह है कि केसी त्रिपाठी के नियमितीकरण के आदेश के निरस्त होने और सीधी स्थानांतरण के आदेश का किसी को पता ही नहीं है। कई सालों से यहीं पर कर्मचारी काम कर नियमित लाभ उठा रहा है। जेडी स्वास्थ्य सेवाएं तक को इसकी भनक नहीं है।
यह किया था जेडी ने आदेश
7 अप्रैल 2017 को क्षेत्रीय संचालक रहे डॉ एसके सालम ने ओश जार किया था। आदेश में कहा था कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी के स्पीकिंग आदेश क्रमांक/स्था/ अवि/ 17/ 4066-76 दिनांक 28 मार्च 2017 द्वारा केसी त्रिपाठी भृत्य स्थापना कार्यालय नियमितीकरण किए जाने सबंधी मुख्य चिकितसा अधिकारी जिला सीधी के आदेश क्रमंाक/ लीगल/ स्था अवि/ 09/ 12609 दिनांक 18 नवंबर 2009 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर पूर्ववत कन्टजेंसी पद पर पदस्थ किया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी के उक्त संदर्भित आदेश के परिपेक्ष्य में निर्देशित किया जाता है कि इस कार्यालय में कन्टर्जेंसाी भृत्य का पद रिक्त नहीं होने के कारण जिला सीधी में रिक्त कन्टर्जेंसी भृत्य के पद पर श्री त्रिपाठी को पदस्थ किया जाता है। 10 अप्रैल 2017 की दोपहर से कार्यमुक्त के भी निर्देश कर दिए गए थे।