रीवा। प्रभारी कमिश्नर छोटे सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी गंगा उपाध्याय को युवा नीति तैयार करने हेतु आयोजित संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला में गूगल मीट के माध्यम से उपस्थित न रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शासन के महत्वाकांक्षी योजना के आयोजन में स्वयं उपस्थित न होने तथा बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने पर लापरवाही व स्वेच्छाचारिता बरतने तथा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश/निर्देश का पालन नहीं करने पर जिला शिक्षा अधिकारी की दो वेतन वृद्धियाँ रोके जाने संबंधी नोटिस जारी कर सात दिवस में कारण स्पष्ट करने के निर्देश कमिश्नर द्वारा दिये गये हैं। कमिश्नर छोटे सिंह ने महिला बाल विकास विभाग के पांच परियोजना अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति न करने पर असंचयी प्रभाव से दो वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कमिश्नर ने परियोजना अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिवस का समय दिया है। कमिश्नर ने बताया कि बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक-1 की प्रभारी परियोजना अधिकारी निर्मला मिश्रा, नईगढ़ी परियोजना की प्रभारी परियोजना अधिकारी रूचिका पाण्डेय, बाल विकास परियोजना गंगेव-2 के परियोजना अधिकारी शंखधर त्रिपाठी, जवा परियोजना की परियोजना अधिकारी मालती पाण्डेय, चितरंगी परियोजना क्रमांक-1 की प्रभारी परियोजना अधिकारी सरोज सोनवानी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 (1) (क) के अन्तर्गत कार्रवाई की गयी है। कमिश्नर ने बताया कि बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक-1 की प्रभारी परियोजना अधिकारी निर्मला मिश्रा ने लाडली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत 9 माह में केवल 28 प्रतिशत ही लक्ष्य प्राप्त किया है। समग्र पोर्टल पर उनके द्वारा हितग्राहियों की इंट्री 56.18 प्रतिशत ही की गयी है। सीएम हेल्पलाइन के अन्तर्गत 40 प्रकरण लंबित है। इसी प्रकार प्रभारी परियोजना अधिकारी रूचिका पाण्डेय, शंखधर त्रिपाठी, मालती पाण्डेय एवं सरोज सोनवानी द्वारा शासकीय कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता बरती गयी है। इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गयी।
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