रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय में हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में बीते दो वर्ष से किसी प्राचार्य ने कोई कार्यवाही नहीं की। केवल ईओडब्ल्यू ने 19 लोगों पर प्रकरण दर्ज कर लिया और उच्च शिक्षा विभाग ने पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल को निलम्बित किया। उक्त कार्यवाही के लिए ईओडब्ल्यू व विभाग ने कलेक्टर की जिस रिपोर्ट को आधार माना, उसमें 19 लोगों के अलावा अन्य पर कार्यवाही करने प्राचार्य को निर्देशित किया गया था। इसके बाद भी बीते दो वर्ष में महाविद्यालय के दो प्रभारी प्राचार्य हुए परंतु किसी ने भी संबंधितों पर कार्यवाही करने हिम्मत नहीं जुटाई। गौरतलब है कि कलेक्टर ने अगस्त-सितम्बर 2020 में वित्तीय भुगतानों की जांच कराई थी। तब जांच उपरांत 800 पन्ने की जांच रिपोर्ट समिति ने कलेक्टर को दी। यह जांच सत्र 2018-19 व 2019-20 में हुए वित्तीय भुगतानों को लेकर हुई, जिसमें समिति ने करीब 14 करोड़ के भुगतान मेें गड़बड़ी होने की जानकारी दी। इसी रिपोर्ट के आधार पर नवम्बर 2020 में ईओडब्ल्यू रीवा ने महाविद्यालय के 19 लोकसेवकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की।
कलेक्टर की रिपोर्ट में भी थे अन्य से वसूली के निर्देश
कलेक्टर की जांच समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट सम्भागायुक्त के समक्ष 3 अक्टूबर 2020 को पेश की गई। इस रिपोर्ट के पृष्ठ 26 में अनियमिततापूर्ण व्यय भुगतानों का सार विवरण समिति ने उल्लेखित किया है, जिसके पहले बिंदु में आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के लिए हुए 3 करोड़ 78 लाख रुपये के भुगतान को विसंगतिपूर्ण माना है। इस बिंदु के रिमार्क में दर्ज है कि यह सूची अधिकतम भुगतान प्राप्त करने वाले प्राधिकारियों की तैयार की गई है। अन्य कर्मचारियों-प्राध्यापकों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली प्राचार्य के स्तर पर प्रस्तावित है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का गत 14 जून को जो पत्र है, उसके तीसरे बिंदु में 3 करोड़ 78 लाख के भ्ुागतान से संबंधित इन प्राधिकारियों के बैंक खातों की जानकारी चाही गई है, जिसे तोड़मरोड़ कर महाविद्यालय प्रबंधन प्रस्तुत करना चाह रहा है।
बैक डेट में भेज सकते हैं ब्यौरा
बताते चलें कि महाविद्यालय में हुई इस वित्तीय अनियमितता के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच सक्रिय हो रही है। वित्तीय अनियमितता संबंधी जानकारी प्राप्त करने ईडी ने पत्र जारी किया है, जिसका स्पष्ट जवाब अभी तक महाविद्यालय प्रबंधन नहीं दे पाया है। इस पत्र में ईडी ने तीन बिंदु में जानकारी मांगी है। पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल को हुए भुगतान का ब्यौरा ईडी ने मांगा है। साथ ही महाविद्यालय के लेखा शाखा में संधारित समस्त बैंक खातों की जानकारी मांग ली है, जिनमें महाविद्यालय कोष से भुगतान हुआ है। सभी लाभार्थियों के बैंक खाता, बैंक का नाम, ब्रांच आदि का ब्यौरा भी महाविद्यालय को देना है। अभी तक उक्त पत्र के अनुसार महाविद्यालय प्रबंधन ब्यौरा नहीं दे पाया है। सूत्रों की मानें तो अब सरगर्मी बढऩे पर प्रबंधन बैक डेट में त्रुटिपूर्ण जानकारी भेजने की फिराक में है।
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