रीवा। रीवा के राजस्व कोर्ट में लंबित प्रकरणों ने प्रदेशभर में किरकिरी करा दी है। विधानसभा में भी हिसाब मांगा गया। कोर्ट के लंबित प्रकरणों के निराकरण में किसानों और भूमि स्वामियों की आंखे पथरा गई। कोर्ट की सीढिय़ां चढ़ते चढ़ते कई पीढिय़ां गुजर गई लेकिन फैसला नहीं आया। सिर्फ 6291 प्ररकण ऐसे हैं जिनकी सुनवाई में 1800 दिन गुजर गए लेकिन अधिकारी फैसला नहीं कर पाए। 669 प्रकरण की उम्र बेहिसाब हो गई है।
किसानों और भूमि स्वामियों की पीड़ा कम नहीं हो रही है। राजस्व कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई और फैसले नहीं लिए जा रहे हैं। अधिकारी बेलगाम हो गए है। कोर्ट के कर्मचारी फाइल दबाए बैठे हैं। किसानों और भूमि स्वामियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ कोर्ट से पेशियां ही मिल रही है। बुजुर्गों और गरीब किसान कोर्ट की चौखट चढ़ते चढ़ते बर्बाद हो गए है। जमीन की लड़ाई जीतने के चक्कर में कइयों के घर बार बिक गए लेकिन फैसला नहीं आया। अब तक रीवा जिला में वर्ष 2022 में 1 लाख 20 हजार 663 प्रकरण दर्ज हुए। इसमें से 73 हजार 15 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें से 47 हजार 648 अब भी लंबित हैं। अब ऐसे में रीवा के राजस्व कोर्ट की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रीवा के राजस्व कोर्ट में लंबित प्रकरणों की स्थिति
समयावधि लंबित प्रकरण
0 से 3 माह तक 17047
3 से 6 माह तक 7298
6 से 12 माह तक 8893
1 से 2 वर्ष तक 7449
2 से 5 वर्ष तक 6291
5 वर्ष से अधिक 669
योग 67648
प्रकरणों के निराकरण के लिए निर्धारित समयावधि
मद अविवादित विवादित
बटवारा 3 माह 4 से 7 माह
नामांतरण 30 दिन 5 माह
सीमांकन 30 दिवस —
नक्शा तरमीम 30 दिवस —
खसरा सुधार कोई सीमा नहीं —
फैसले का समय निर्धारित है
हद तो यह है कि राजस्व कोर्ट में पहुंचने वाले प्रकरणों की सुनवाई और फैसले के लिए समय निर्धारित है। इसके बाद में फाइलें डंप होती जा रही है। आरसीएमएस को लोगों की सहूलियत के लिए लाया गया था। राजस्व प्रकरणों को पारदर्शी बनाने की सरकार की मंशा थी लेकिन इसके लागू होने के बाद भी राजस्व प्रकरणों में तेजी नहंी आई। अब भी सब कुछ पहले जैसा ही चल रहा है। शासन के राजस्व प्रकरणों की सुनवाई के लिए भी समय सीमा तय कर दी थी फिर भी कुछ नहीं हो रहा।
विधानसभा में रीवा और शहडोल का उठा मुद्दा
राजस्व प्रकरणों की पेडेंसी के मामले में रीवा और शहडोल अव्वल रहा। यहां सालों से पेडेंसी 50 हजार के आसपास ही रही। अब भी स्थिति वैसी ही है। रीवा में राजस्व प्रकरणों की पेडेंसी 47 हजार से अधिक है। कई प्रकरण तो ऐसे हैं, जिनकी उम्र 10 साल से अधिक हो चुके हैं। फिर भी प्रकरणों का फैसला नहीं हो पाया। राजस्व कोर्ट में बिना रुपए लिए फैसले भी नहीं होते। इसकी वजह से भी प्रकरणों को लटकाकर रखा जाता है।