रीवा। जिले के सभी पुलिस थाना भवन व परिसर में सीसीटीवी कैमरा की संख्या बढ़ाई जा रही है। इन सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग 3 महीने तक सुरक्षित रहेगी। इस माध्यम से थानों में कार्यरत पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी नजर रखी जायेगी। इस क्रम में जिले के आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस थाना भवन में सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही चल रही है। शेष पुलिस थाना भवन में इस माह के आखिरी तक अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा स्थापित होने की सम्भावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि मप्र शासन ने वर्ष 2021 में यह प्रोजेक्ट तैयार किया था। वर्ष 2016 में उज्जैन में हुए ङ्क्षसहस्थ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को ही प्रदेश सरकार ने योजना बनाकर आगे बढ़ाया। शासन के निर्देशानुसार सीसीटीवी प्रोजेक्ट का यह दूसरा चरण चल रहा है। इस दूसरे चरण में प्रदेश के 34 जिलों के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया जाना है। इस कार्य के लिए पुलिस प्रशासन ने अलग-अलग एजेंसी को ठेका दिया है। रीवा जिले के पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने नई दिल्ली की टीसीआईएल नामक कंपनी को ठेका मिला है। इस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा जिले के पुलिस थाना भवनों में सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने की कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है
यह लग गए कैमरे
जानकारी के मुताबिक अब तक जिले के सगरा, सिरमौर, लालगांव व रायपुर कर्चुलियान पुलिस थाना भवन में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य थाना भवनों में भी सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं। बता देें कि जिले में कुल 29 पुलिस थाना और 18 पुलिस चौकी हैं। इन सभी सीसीटीवी कैमरा लगाने की कार्यवाही इस माह पूरी होनी है।
12 से 20 तक होगी संख्या
उल्लेखनीय है कि जिले के पुलिस थाना भवनों में पहले महज 4-4 सीसीटीवी कैमरे लगे रहे। अब 12 से 20 की संख्या तक सीसीटीवी कैमरा थाना भवन में बढ़ाये जा रहे हंै। थाना इंचार्ज के कमरे से लेकर थाना प्रवेश द्वार, हवालात, विवेचक कक्ष सब सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेंगे। सीसीटीवी कैमरा की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना है।
धरे रह गए हाई रेंज के सीसीटीवी कैमरे
विदित हो कि सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत तीन साल पहले शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। तब बखान किया गया कि यह सभी सीसीटीवी कैमरा हाई रेंज के हैं, जो दूर तक किसी भी वाहन के नम्बर भी पढ़ सकते हैं। दुर्भाग्य से इस योजना पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पलीता लगा दिया। लापरवाही के चलते अधिकांश सीसीटीवी कैमरा खराब हो चुके हैं। कभी किसी घटना में आरोपी की तलाश करने के लिए पुलिस या आमजन को व्यापारिक प्रतिष्ठानों लगे सीसीटीवी कैमरे का सहारा लेना पड़ता है। अब थाना भवनों में लग रहे सीसीटीवी कैमरा कितने कारगर होंगे, इस पर अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी।
एक पहलू यह भी
जिले के कई थाना भवन में कक्ष का अभाव है। कहीं पुलिस चौकी में ठीक से बैठने की व्यवस्था भी नहीं है। कुछ थाना भवनों में बिजली व्यवस्था भी जर्जर हालत में हैं। ऐसे थाना भवनों में सीसीटीवी कैमरा लगाना भी फिलहाल हास्यपद लग रहा है। बताते हैं कि जिन थाना भवनों में सीसीटीवी कैमरा लग चुका है, वहां के थाना इंचार्ज स्वयं सीसीटीवी कैमरा की जगह बदलने कंपनी स्टॉफ के समक्ष आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।
०००००००००००००