रीवा। ग्राम पंचायत सदेहा में लापता शांतिधाम आखिरकार जांच दल को नहीं मिला। इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर आयुक्त ने जनपद पंचायत सीइओ सहित सात लोगों से 11 लाख रुपए की राशि वसूलने का आदेश जारी किया है। आयुक्त के इस आदेश के बाद पंचायत विभाग में हड़कंप मच गया है।
बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत ग्राम पंचायत सदेहा में बने शांतिधाम लापता होने की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने की थी। इस पर आयुक्त ने इस मामले में जांच के निर्देश अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आर एस धुर्वे ने को दिए थे। इस पर एसई ने कार्यपालन यंत्री रामलाल कोकोटे और सहायक यंत्री श्रीकांत द्विवेदी की टीम को संयुक्त तौर जांच अधिकारी बनाया था। जांच उपरांत शांतिधाम सदेहा की आराजी नंबर 3 में न बनाया जाकर हिनौती पंचायत की गदही की आराजी नंबर 24 और 27 में बना मिला। इस मामले पर दोनों रिपोर्ट को संयुक्त किया जाकर जांचकर्ता अधिकारी रामलाल कोकोटे ने जांच रिपोर्ट दी है। जिसमें शांतिधाम लापता मामले में सीइओ सहित सात लोगो को दोषी माना है। इनमें तत्कालीन सरपंच प्राणवती सिंह, तत्कालीन सचिव शशिकांत मिश्रा, तत्कालीन रोजगार सहायक दिलीप कुमार गुप्ता, तत्कालीन उपयंत्री अजय तिवारी, तत्कालीन सहायक यंत्री अनिल सिंह, तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी एवं तत्कालीन जनपद गंगेव मुख्य कार्यपालन अधिकारी सम्मिलित है। जांच रिपोर्ट के अनुसार फर्जी तरीके से मूल्यांकित की गयी कुल राशि 11 लाख 41 हजार 642 रूपये की अनियमितता मानते हुए प्रत्येक व्यक्ति से 01 लाख 63 हजार 91 रूपये की वसूली की जाएगी।
अभी तक नहीं हुई एफआइआर
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने समस्त कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निदेशित किया है कि वह ग्राम पंचायतों में गबन और दुर्वियोजन पर वसूली के साथ दोषियों पर एफआइआर दर्ज कराएं, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। यहां तक कि पंचायतों में गबन की राशि की भी वसूली नहीं हो रही है।
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