रीवा। एक लोक प्रिय गाना तो सभी को याद होगा। उठो गोरी मंगरे पर बोल रहौ कउआ, लगत तोहरे मायके से आयो है बुलउआ। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार कहावत तो ठीक लेकिन जिले में ग्रामीण अंचल के क्षेत्र में स्थित एक थाना इन दिनों खूब चर्चा का विषय बना हुआ है, अब इन चर्चाओं में कितनी सत्यता है तो कहा नहीं जा सकता लेकिन वर्तमान में जो मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं उनके अनुसार ग्रामीण के एक थाने मे इन दिनो आशिकी का भूत मंडरा रहा है।
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मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया कि एक समय था कि शहर के एक थाना के मंगरे पर आशिकी का भूत मंडरा रहा था। इस बात की भनक जब जिम्मेदारों को लगी तो सुधारत्मक दृष्टिकोण सेे पहल की गई। उसके बावजूद भी हालात नहीं सुधरे और इश्क का भूत नहीं उतरा। कहा कि अब यह ग्रामीण अंचल के थाने की मुंडेर में ऐसा बैठा है कि वहां महिला पुलिसकर्मियों में भगदड़ से मच गई। रिपोर्ट्स में तो यह तक कहा गया है कि जिसे भी वहां भेजा जाता है उसका काम करना ही मुश्किल हो जाता है।
मजबूरन उन्हें मुख्यालय आकर अपने बेवस आंसू बहाने पड़ जाते हैं। मीडिया रिपोट्र्स में यह तर्क दिया गया कि जिम्मेदार अधिकारी के पास ऐसी कोई तंत्र विद्या नहीं है जो ग्रामीण अंचल के इस थाने के मुंडेर से इश्क का भूत उतार सके। सोच का विषय यह है कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिला संबंधी अपराध नहीं होते। जिससे यदि इस प्रकार से चलता रहा तो परेशानी होगी।
मुंडेर में बैठे भूत की वजह से महिला पुलिस कर्मी भयभीत रहती है यहां तक की वहां का नाम सुनकर उन्हें डर लगने लगता है। मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया कि सूत्र तो कहते हैं कि थाना के मुंडेर में बैठे आशिक से रीवा और समीपी चौकी में बैठी वर्दीधारी के ऐसी लगन लगी है कि जिसकी चर्चायें विभाग में जोरों से है। कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि कही तत्कालीन टीआई संदीप अयाची के कहानी की पुनरावृत्ति रीवा में न हो जाये। और पुलिस महकमा एक बार फिर सुर्खियों पर न आ जाये।
महिला पुलिस कर्मियों में इस बात को लेकर भी भय सता रहा है कि यदि मुंडेर में बैठे आशिक के आदेशों को पालन नहीं करते तो उनकी नोकरी के कागजो पर दाग लग जाए और भविष्य खराब हो। अब थाने से बार-बार महिला पुलिस कर्मियों के वापसी की वजह क्या है, यह तो हकीकत सामने आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में तरह-तरह की चर्चाएं जरूर हो रही हैं।
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