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रीवा/सतना. हालहि में शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने रीवा के राजा को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसका विरोध रीवा सहित कई जगहों पर हुआ. अब आकार वेलफेयर सोसायटी के कलाकार कृष्णराजकपूर सभागार में महाराजा रघुराज सिंह के द्वंद की कहानी का मंचन करेंगे। यह प्रस्तुति 30 अक्टूबर की शाम 6 बजे से होगी।
नाटक 1857 एक अविजित विजय जिसके लेखक योगेश त्रिपाठी हैं एवं अमित कुमार शुक्ला ने निर्देशन किया है। नाटक की पृष्ठभूमि हिंदुस्तान की आजादी के लिए हुए पहले संगठित संघर्ष 1857 क्रांति पर आधारित है। तत्कालीन रीवा महाराज रघुराज सिंह के द्वंद्व के साथ प्रमुख क्रांतिकारी सरदारों धीर सिंह, रणमत सिंह, ठाकुर श्याम शाह, पंजाब सिंह के अद्भुत शौर्य की गाथा को कहता है और रीवा स्टेट में अंग्रेजी हस्तक्षेप को भी बखूबी दर्शाने का प्रयास करता है।
साथ ही यह बताने का प्रयास किया गया कि विंध्य भूमि वीरों की धरती है और यहां वीरों ने आजादी की लड़ाई में तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, बाबू कुंवर सिंह जैसे राष्ट्रीय नायकों के साथ न केवल कंधे से कंधा मिलाया बल्कि उस दौर के पूरे घटनाक्रम में पूरी शिद्दत से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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नाटक में परिकल्पना शुभम बारी, संयोजन अनामिका सिंह, प्रमुख कलाकार अक्षय वलेजा, अंकित कुशवाहा, शिवम शुक्ला, अमित कुमार शुक्ल, चंदन वलेजा, अनुराग श्रीवास्तव, सागर सेन, अमितेश सेन, शिवम चौधरी, अंशू कुशवाहा, विराट तिवारी, शिवांक द्विवेदी, शुभम जैन, अभिषेक चौधरी, राहुल चौरसिया, शुभेंदु, अनामिका सिंह, पुष्पेन्द्र पाण्डेय एवं विक्की हैं।