रीवा। जिला पंचायत में नियुक्तियों के नाम पर लाखों रुपए की अवैध वसूली के मामले में आई शिकायत पर संभागायुक्त ने जानकारी तलब की है। कुछ दिन पहले ही सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने शिकायत कर आरोप लगाया था कि जिला पंचायत सीईओ के नाम पर फर्जी विज्ञापन जारी किए गए थे। जिसके माध्यम से लाखों रुपए की अवैध वसूली भी जिला पंचायत के कर्मचारियों ने की थी। मामला संज्ञान में आते ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखड़े ने मामले की जांच बैठा दी और प्रथम दृष्टया कप्यूटर ऑपरेटर राहुल वर्मा की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। जांच में यह बात सामने आई है कि 30 अभ्यर्थियों के आवेदन लेकर आरोपी राहुल वर्मा ने उनसे 13 लाख रुपए नियुक्ति कराने के नाम पर लिए थे। अधिकारियों ने कहा है कि जिस तारीख पर विज्ञापन जारी होने का दावा किया गया है उस दिन ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ था। साथ ही तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर भी उस तरह से नहीं थे। जिला पंचायत सीईओ की ओर से एसपी को लिखे गए पत्र के बाद सिविल लाइन थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है। जिसमें अभी आरोपी केवल कप्यूटर आपरेटर रहे राहुल वर्मा को बनाया गया है। उक्त आरोपी मूलरूप से हर्दी विद्यालय का भृत्य थाए प्रतिनियुक्ति पर वह कई वर्षों से जिला पंचायत में था और यहां पर कप्यूटर चलाने का कार्य करता था।
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