रीवा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एकीकृत बाल विकास योजना अंतर्गत 6 माह से 3 साल तक के बच्चों को मिलने वाले टेक होम राशन फर्जीवाड़े से जिला अछूता नहीं है। बच्चों के इस पोषण आहार में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। आंगनवाड़ी कार्यकताओं ने बताया कि कंपनी ने जो टेक होम राशन की मात्रा बताया है वह आंगनवाड़ी केन्द्रों तक पहुंची ही नहीं है। यहां तक बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में सत्यापन के लिए बिल पहुंच रहे हैं। उनमें आंगनवाड़ी कार्यकताओं के हस्ताक्षर भी नहीं हंै। इससे भी हैरान करने वाली बात है कि इससे वाकिफ होने के बावजूद अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में सही बताते हुए रिपोर्ट ओके भेज दी है बता दें कि जिले की 3434 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को प्रत्येक सप्ताह एक पैकेट पोषण आहार दिया जाता है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र बंद होने से आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों को घर घर पहुंचाया गया। इस पोषण आहार की जिले में सप्लाई एमपी एग्रो के माध्यम से सीधे परियोजनाओं को दी जाती थी, लेकिन इस पोषण आहार में व्यापक स्तर की अनियमितता अब खुल रही है। दरअसल जिले में बच्चों की संख्या के अनुपात में पोषण आहार केन्द्रों तक पहुंचा ही नहीं है। इसका खुलासा अब सत्यापन के दौरान हुआ है। दरअसल पूरक पोषण आहार में प्राप्त आंवटन को लेकर कलेक्टर ने सत्यापन कराने जांच दल गठित किया है। सत्यापन में पहुंच रहे अधिकारियों के बिल देखकर आंगनवाड़ी कार्यकताओं के होश उड़ रहे हंै। दरअसल बिलों में जो मात्रा केन्द्रों में आंवटित हुई है वह पहुंची ही नहीं है। इसके बावजूद आंगनवाड़ी केन्द्रों के बिल व पावती पर हस्ताक्षर हैं। जबकि उनका कहना है कि उन्होंने हस्ताक्षर किया ही नहीं है। इसकी जानकारी होने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकताओं पर दबाव बनाया जा रहा है।
ऐसे हुआ खेल
सूत्र बताते हैं कि दरअसल आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती है। इससे वाकिफ कंपनी बच्चों की उपस्थित के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर टेक होम राशन देती रही है। लेकिन वह आंगनवाड़ी में पंजीकृत बच्चों के हिसाब से बिल का भुगतान लेते रहे। यही कारण है कि व्यापक स्तर में आंगनवाड़ी केन्द्रों के पूरक पोषण आहार वितरण में खेल हुआ है। यह टेक होम राशन बच्चों को एक माह में एक पैकेट प्रदान किए जाते हैं।
महाअभिलेखागार ने मांगी थी जानकारी
प्रदेश में पूरक पोषण आहार को लेकर महाअभिलेखागर ने पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी। जिससे कि वह कैंग को अपनी रिपोर्ट भेज सकें। इस संदर्भ में महिला बाल विकास विभाग ने पत्र के जवाब मेें बताया कि पूरा आवटंन प्राप्त हुआ है, जिसका वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों से हुआ है।
-फैक्ट फाइल
3434 आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या
121870 बच्चे 6 माह से 3 साल तक के दर्ज
94761 बच्चे जिन्हें पूरक पोषण आहार टीएचआर मिला
78 फीसदी टीएचआर वितरण का दावा
45 फीसदी तक बच्चे रहते हंै उपस्थित
वर्जन
टेक होम राशन का दर्ज बच्चों के हिसाब से आवंटन मिला है। इसका वितरण भी आंगनवाड़ी केन्द्रों में हुआ है। जिले में पूरक पोषण आहार को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। इस संबंध में प्रतिवेदन भी महाअभिलेखागार को भेजा गया है।
आशीष दुबे, सहायक संचालक महिला बाल विकास
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