रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत ङ्क्षसह महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की जांच समिति गत दिवस पहुंच गई। पिछले दो सत्र में हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में जांच करने समिति रीवा पहुंची है। हालांकि समिति इस जांच से ज्यादा दिलचस्पी महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा की जा रही आवभगत में ले रही है। इस कारण जांच में कुछ ज्यादा तथ्य सामने आने की सम्भावना नहीं है।
सूत्रों की मानें तो महाविद्यालय में पिछले दो सत्र में खेलकूद खरीदी सामग्री का भुगतान परीक्षा मद से हुआ है। वहीं, सत्र 2020-21 और 2021-22 में कैशबुक का संधारण भी नहीं हुआ, जिसकी शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी। इसके अलावा विभाग के उच्च अधिकारियों को गुमराह कर विगत 24 मई को शासी निकाय की बैठक करने के आरोप शिकायत मे लगाये गए हैं। इस शिकायत को लेकर गत 13 जून को आयुक्त उच्च शिक्षा ने बैठक रोकने के निर्देश दिए थे, परंतु तब तक बैठक हो चुकी थी। लिहाजा अब विभाग के उप संचालक वित्त ने उक्त बैठक तथा शिकायतोंं में प्राप्त वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच समिति गठित की है। इस चार सदस्यीय जांच समिति में उप संचालक वित्त बीएम पांचाल, ऑडिट अधीक्षक पीएस सिकरवार, एसएल पंजवानी, एलएस ठाकुर शामिल हैं। इनके द्वारा महाविद्यालय प्रबंधन से उक्त बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की जा रही है।
कबाड़ बेचने का मामला नहीं पड़ा ठंडा
उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय में पिछले तीन वर्ष से शैक्षणिक कार्य कम और बाहरी राजनीतिक गतिविधियां ज्यादा हो रही हंै। इसी का परिणाम है कि महाविद्यालय में आये दिन जांच चल रही है। विगत वर्ष में एक बड़ी जांच में महाविद्यालय के 19 कर्मचारी नप चुके हैं। वर्तमान में फिर से शिकवा-शिकायतों का माहौल महाविद्यालय में बना हुआ है। बता दें कि अभी दो महीने पहले ही अतिथि शिक्षकों के सेमेस्टर ब्रेक और करीब 3 लाख रुपये कबाड़ बेचने को लेकर भी पांच-पांच जांच हो चुकी हैं। भोपाल से पहुंची विभाग की टीम इन बिंदुओं पर भी नजर दौड़ा सकती है। समिति को शनिवार तक महाविद्यालय के लेखा-जोखा का हिसाब लेना है।
बड़े भुगतान करने का था दबाव
विभागीय समिति द्वारा की जाने वाली जांच के सभी बिंदु अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुए हंै। फिर भी सूत्र बताते हैं कि महाविद्यालय में जो 24 मई 2022 को शासी निकाय की बैठक हुई थी, इस बैठक में एक साल पहले के कुछ बड़े भुगतान को शामिल कर अनुमोदित कराने का दबाव था। बैठक में जब उक्त भुगतान संबंधी बिंदु शामिल नहीं किए गए, तो बैठक ही स्थगित कराने की शिकायत विभाग से की गई। जिस पर विभाग ने महीने भर की देरी से पत्राचार किया। अब विभाग द्वारा इस मसले में जांच कराई जा रही है।
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कुछ तथ्य प्रस्तुत होने से रोके जा रहे
ईओडब्ल्यू ने वित्तीय अनियमितता के मामले में जिन 19 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है उन पर आरोप था कि शासी निकाय से अनुमोदन बिना संबंधितों ने भुगतान प्राप्त किए। अब बीते दो सत्रों से भी शासी निकाय के अनुमोदन बिना ही कई प्रकार के भुगतान हुए। पुष्ट सूत्रों के मुताबिक इन तथ्यों को जांच समिति के सामने प्रस्तुत होने से रोका जा रहा है।
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