रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के बीपीएड पाठ्यक्रम की मान्यता बहाल हो चुकी है। अब इस पाठ्यक्रम को पुन: उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर दर्ज करना है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय को 16 अप्रैल तक का समय दिया है। विभाग से जारी पत्र के अनुसार एनसीटीई के तहत संचालित पाठ्यक्रम बीएड, बीपीएड की प्रोफाइल ऑनलाइन अपडेट होनी है। इसमें प्रवेश शुल्क, शिक्षण शुल्क, बैंक खाता, सम्पर्क सूत्र आदि जानकारी ऑनलाइन दर्ज होनी है। शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा दर्ज इस जानकारी का सत्यापन विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं 20 अप्रैल तक करेगा। तत्पश्चात उच्च शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय के बीपीएड पाठ्यक्रम को ऑनलाइन सूची में संलग्न करेगा।
ताकि छात्र जब बीपीएड हेतु ऑनलाइन प्रवेश आवेदन करें तो उन्हें विकल्प चयन में रीवा विश्वविद्यालय का नाम मिल सके। सम्भावना जताई जा रही है कि उक्त प्रक्रिया पूरी होने के बाद माह के आखिरी तक में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बीएड, बीपीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश आरम्भ कर दिए जायेंगे। सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु छात्रों को पहले की तरह ही उच्च शिक्षा के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फिर दस्तावेज सत्यापन और शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद मेरिट सूची जारी होगी, जिसमें शामिल छात्र को आवंटित संस्थान में प्रवेश सुनिश्चित करना होगा।
3 वर्ष पहले रद्द हुई थी मान्यता
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित रहे इस पाठ्यक्रम की मान्यता एनसीटीई ने 3 वर्ष पहले रद्द कर दी थी। विभाग में नियमित शिक्षकों के न होने पर एनसीटीई ने यह कार्यवाही की थी। उसके बाद विश्वविद्यालय ने अपील कार्यवाही की लेकिन एनसीटीई को कोई फर्क नहीं पड़ा। अंतत: विश्वविद्यालय ने एनसीटीई की शर्तों को पूरा करने शारीरिक शिक्षा विभाग में कांट्रेक्ट बेस पर 13 शिक्षकों की तैनाती कर दी। इसके बाद भी मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण मान्यता रुकी रही। न्यायालय का आदेश होने के उपरांत एनसीटीई ने विश्वविद्यालय को सत्र 2023-24 से बीपीएड पाठ्यक्रम का संचालन करने की अनुमति दी परंतु यह मान्यता जारी करने में एनसीटीई ने काफी देर कर दी। लिहाजा पिछले सत्र में विश्वविद्यालय बीपीएड में छात्रों को प्रवेश नहीं दे सका।
बता दें कि विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में काफी समय से बीपीएड, एमपीएड पाठ्यक्रम का संचालन होता रहा। यहां बीपीएड की 100 सीट में छात्रों को प्रवेश दिया जाता रहा है। रीवा विश्वविद्यालय के अलावा विंध्य के कुछ एक-दो निजी महाविद्यालयों में यह पाठ्यक्रम संचालित है। इस कारण रीवा विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम की काफी मांग रही। मान्यता निरस्त होने से क्षेत्र के युवाओं को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने दूसरे सम्भाग में जाना पड़ रहा था, जो ज्यादा खर्चिला काम रहा। अब मान्यता बहाल होने से स्थानीय छात्रों को काफी राहत मिलेगी। जारी मान्यता के अनुसार विश्वविद्यालय बीपीएड की 100 सीट में ही छात्रों को प्रवेश दे सकेगा।