Recognition of these schools in Rewa will end and they will not get:इस सत्र में निजी विद्यालयों की मनमानी और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मान्यता व संबद्धता के नियम कड़े कर दिए गए हैं। इस बार मान्यता के लिए जो विद्यालय आवेदन करेंगे, उनका संयुक्त संचालक (जेडी) व जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) निरीक्षण करेंगे। इन अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद ही लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) संबंधित विद्यालय की मान्यता जारी करेगा। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल उन विद्यालयों को संबद्धता जारी करेगा।
दरअसल पिछले सत्र 2023-24 में प्रदेश के कुछ जिलों में निजी विद्यालयों ने बिना मान्यता नवीनीकरण के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था। जब इन विद्यार्थियों का परीक्षा फार्म मंडल में आया तो पता चला कि इन विद्यालयों को संबद्धता ही नहीं दी गई है। इसके बाद इन विद्यार्थियों को प्राइवेट से परीक्षा दिलाई गई। इससे संबंधित विद्यालयों के करीब सवा सौ विद्यार्थियों को प्राइवेट से परीक्षा देनी पड़ी, क्योंकि उनके विद्यालय को मंडल से संबद्धता प्राप्त नहीं थी।
इस कारण इस साल मंडल संबद्धता में पारदर्शिता लाने के लिए वेबसाइट तैयार कर रहा है, जिससे विद्यालयों के बारे में अभिभावकों व विद्यार्थियों को पूरी जानकारी मिल सके।
मान्यता 2017 के यह हैं नियम
माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता नियम 2017 (संशोधित नियम 2020) में यह उल्लेखित है कि 10वीं तक के विद्यालय चार हजार वर्ग फीट क्षेत्र में होना चाहिए। ऐसे ही, 12वीं तक के विद्यालय 5600 वर्ग फीट के क्षेत्र में होना चाहिए। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्षों से कई ऐसे विद्यालय ऐसे नियमों का पालन किए बगैर चल रहे हैं। इन विद्यालयों के पास ना तो पर्याप्त कमरे हैं और ना ही मान्यता नियमों का पालन कर रहे हैं।