रीवा। विंध्य क्षेत्र में अब तक ईलाज के लिए लोग संजय गांधी पर ही निर्भर थे, वजह यह थी कि इससे बड़ा अस्पताल विंध्य क्षेत्र में कहीं नहीं है लेकिन अब स्वास्थ्य सुविधाएं और बढ़ी हैं। सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सको की मेहनत रंग ला रही है। एक के बाद एक बड़े सफल आपरेशन यहा हो रहे हैं। जिन उपचार व्यवस्थाओं के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था वह अब आसानी से रीवा में मिल रहा है। खासकर ह्द्य रोगियों के लिए तो रीवा सुपर स्पेशलिटी वरदान साबित हो रहा है। विभाग के विभागध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी के कुशल नेतृत्व में बढ़ रही उपचार व्यवस्थाओं से मरीजों को जीवन दान मिल रहा है। अब सुपर स्पेशलिटी में कैल्सीफाइड कोरोनरी आर्टरी की जटिल एंजियोप्लास्टी भी शुरु हो गई है। 73 वर्षीय मरीज का सफल उपचार चिकित्सको ने 26 मार्च को किया। यह संभव हुआ अस्पताल में बीते माह आई रोटाव्लेशन मशीन की वजह से, जिसके लिए लंबे समय से विभागध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी प्रयास कर रहे थे और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के प्रयासों से यह मशीन अस्पताल प्रबंधन को मिली। अब इसका मरीजो को लाभ मिलने लगा है। बताया गया कि पूर्व में मशीन नहीं होने से लोगो को बाहर उपचार के लिए जाना पड़ता था या फिर बाईपास सर्जरी करनी पड़ती थी।
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इन्होंने की सर्जरी
बता दें कि इस सफल सर्जरी में विभागध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी सहित जय, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, गौरव एवं ऐनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सक शामिल रहे।
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रीवा के पानी में कैंल्शियम ज्यादा
डॉ.व्हीडी त्रिपाठी की माने तो रीवा के पानी में कैल्शियम की मात्रा अधिक है, यह देखा गया है कि ज्यादा कैल्शियम वाले जल के सेवन से कोरोनरी कैल्शिफिकेशन ज्यादा होता है। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि रीवा के पानी में यह ज्यादा है। इससे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है।
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रोटाव्लेशन का कार्य
इसमें वायर के आगे एक अतिशूक्ष्म ड्रिल लगी रहती है, जो कैल्शियम ड्रिल करती है। इस विशेष प्रकार एंजियोप्लास्टी तकनीक के बारे में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को बताया गया और उनके द्वारा इस मशीन को विभाग को उपलब्ध कराया गया। जिसमें डीन डॉ.मनोज इंदुरकर और अधीक्षक डॉ.अक्षय श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।
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