रीवा संसदीय क्षेत्र में मतदान होने के अभी 10 दिन शेष हैं। भाजपा तो चुनाव प्रचार में अपना एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, उसके दो स्टार प्रचार भी सभाएं करके चले गए। हर विधानसभा में विधायक और प्रतिनिधि पूरा जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस का प्रचार भी चल रहा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का पलायन जरूर हुआ है, लेकिन दूसरी लाइन के नेता कमान संभालने में लग गए हैं। कांग्रेस आखिरी 10 दिनों में पूरी ताकत के साथ लगेगी। आज इसकी रणनीति भी बनेगी। अभी तक दो ठाकुर नेता कमान संभाले हुए थे, अब तीसरे ठाकुर नेता की भी इंट्री होगी। विंध्य के दूसरे ठाकुर नेता पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व अमरपाटन विधायक राजेंद्र कुमार सिंह भी रीवा संसदीय क्षेत्र की सियासत में उतरेंगे।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व विंध्य के कांग्रेस नेता अजय सिंह व पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह पहले से ही कमान संभाले हुए हैं। हालांकि सीधी चुनाव तक अजय सिंह राहुल व्यस्त रहेंगे इसके बाद वह पूरा समय रीवा में देंगे। गोविंद सिंह रीवा लोकसभा के प्रभारी हैं और उन्होंनेेे मैदान नहीं छोड़ा है। कांग्रेस अब पूरी ताकत के साथ उतरेगी। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आज सोमवार को सभी नेता मिलकर रणनीतिक लड़ाई का ऐलान करेंगे। कांग्रेस के लिए आखिरी 10 दिन महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं 10 दिनों में भाजपा के जमें पांव को उखाडऩे के लिए कांग्रेस अपना सियासी चक्रव्यूह तैयार करेगी।
तीन-तीन विधानसभा में ठाकुर-पंडित, एक-एक में पटेल व अजा नेता को कमान रीवा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को दी है।
अपनी रणनीति के अनुसार कांग्रेस ने तीन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी ठाकुर, एक में पटेल, एक में अजा और तीन विधानसभा क्षेत्र में पंडित नेताओं को दी है। रणनीति के तहत मऊगंज विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी पूर्व विधायक व 2023 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी सुखेंद्र सिंह बन्ना को दी गई है। सहयोगी के रूप में मऊगंज जिला अध्यक्ष पद्मेश गौतम भी जुटे हुए हैं। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से कार्यकारी जिला अध्यक्ष गिरीश सिंह अमहा को कमान सौंपी गई है। यहां से विधानसभा प्रत्याशी रामगरीब वनवासी पूरी तरह से जुटे हुए हैं।
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कुंवर कपिध्वज सिंह डटे हैं। त्योंथर की पूरी कमान रमाशंकर सिंह पटेल व मनगवां की बबिता साकेत को सौंपी गई है। शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों रीवा में पूर्व प्रत्याशी व जिला अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, देवतालाब में पद्मेश गौतम मेहनत कर रहे हैं। इनका सहयोग पूर्व विधायक विद्यावती पटेल कर रहीं हैं। सेमरिया में विधायक अभय मिश्रा स्वयं जुटे हैं। रीवा विधानसभा में शहरी क्षेत्र के कमान महापौर अजय मिश्रा बाबा ने भी संभालना शुरू कर दिया है। अब कौन कितना रणनीतिक प्रभाव डाल कर कांग्रेस का हाथ मजबूत करेगा, आने वाला समय बताएगा। रीवा महापौर अजय मिश्रा बाबा इस समय घर-घर पहुंच रहे हैं। बताया गया है कि महापौर बाबा शहर की कमान संभाल लिए हैं। उनके सहयोगी पार्षद में भी मिशन लोकसभा में जुट गए हैं।
नीलम के साथ डटी महिला टीम : विधायक सेमरिया अभय मिश्रा के बीमार के होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी नीलम मिश्रा चुनाव की कमान स्वयं संभाल रहीं हैं। वह सुबह से ही प्रचार पर निकल रहीं हैं। उनके साथ कांग्रेस की महिला बिग्रेड डटी हुई है।
समधिन के लिए पार्टी से बगावत : सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में गिरीश सिंह व रामगरीब बनवासी, प्रदीप सिंह पटना पूरी ताकत के साथ लगे हैं। चर्चा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बसपा की टिकट पर दूसरे स्थान पर रहे बीडी पांडेय भी कांग्रेस का प्रचार करने में जुटे हैं। वह समधिन के लिए पार्टी से बगावत पर उतर आए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रत्याशी नीलम मिश्रा के पुत्र की शादी ब्ीडी पांडेय की भतीजी के साथ हुई है। इस नाते वह समधिन को जिताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
10 दिन संघर्ष के : चुनाव के आखिरी 10 दिन कांग्रेस अब संघर्ष करेगी। वह इसकी फुल प्रू्रफ रणनीति बना रही है। कांग्रेस चुनाव प्रचार तेज कर भाजपा को टक्कर देने की तैयारी में है। यहां बसपा ने पटेल प्रत्याशी मैदान में उतारा है लेकिन उसका जोर इतना नहीं दिख रहा है, जिसका फायदा कांग्रेस उठाने के चक्कर में है। हालांकि बसपा के जिले में साइलेंट वोटर हैं। इसलिए बसपा की भूमिका कमजोर नहीं आंकी जा सकती है।