अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय में नियमित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है। करीब 32 वर्ष बाद विश्वविद्यालय में इस नियुक्ति प्रक्रिया की चर्चा ने जोर पकड़ा है। इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए पहले विश्वविद्यालय ने जो आरक्षण रोस्टर तैयार किया था, उसमें अब कुछ बदलाव होना है। मप्र उच्च न्यायालय के आदेशानुसार यह रोस्टर बदला जाना है। इधर, नवीन रोस्टर तैयार करने में भी विश्वविद्यालय को विलम्ब हो रहा है।
पहले विधानसभा चुनाव, फिर दीक्षांत समारोह, नैक मूल्यांकन और लोकसभा चुनाव के चलते मामला अटका रहा। अब विश्वविद्यालय द्वारा नया रोस्टर तैयार करने प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इस कार्यवाही में अब फिर से जोर लगा रहा है, जिससे शीघ्र रोस्टर प्रक्रिया पूर्ण करने का अनुमान जताया जा रहा है। नियमानुसार भर्ती विज्ञापन जारी होने के पहले रोस्टर में दावा-आपत्ति हेतु विश्वविद्यालय 15 दिन का समय देगा। प्राप्त आपत्तियों का निराकरण करने के बाद विश्वविद्यालय विज्ञापन सूचना जारी करेगा, लोकसभा चुनाव की मतगणना के बाद जारी होना सम्भावित है। अनुमानित 42 पदों को भरने यह प्रक्रिया आरम्भ होनी है। यदि समय पर यह नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न हो जाती है तो विश्वविद्यालय को एक बड़ी राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में आखिरी बार वर्ष 1989 में नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न हुई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में बैकलॉग के पदों पर भर्ती हुई। इस अवधि में सामान्य पदों को न भरने पर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की बेहद कमी हो गई, जिसके चलते छात्रों के काम आये दिन विश्वविद्यालय में प्रभावित होते आ रहे हैं। हालांकि कर्मचारियों की कमी से निपटने विश्वविद्यालय वैकल्पिक रास्ता निकालता रहा है परंतु इससे विश्वविद्यालय कार्यप्रणाली में कोई बड़ा सुधार नहीं आया। अब नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति होने पर विश्वविद्यालय की कार्य गुणवत्ता कुछ बेहतर हो सकती है।