New guidelines issued for admission of students in school, parents should pay attention
विंध्य वाणी, रीवा। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने के बाद ड्रॉपआउट की की स्थिति रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नई एडमिशन पॉलिसी तय कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अन्य स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों की सही जानकारी नहीं होने के कारण ड्रॉपआउट नहीं होते हुए भी छात्रों की संख्या ड्रॉप बॉक्स में दिखाई देती रहती है। इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्कूलों में प्रवेश की नीति घोषित की है, जिसके तहत कक्षा 6वींए 9वीं और 11वीं में एडमिशन के लिए विद्यार्थियों को किसी भी सरकारी स्कूल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बल्कि जिस स्कूल से विद्यार्थी ने पिछली कक्षा पास की है, उस स्कूल के शिक्षक ही एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
अब टीचर खुद कराएँगे एडमिशन
प्रवेश प्रक्रिया जटिल होने के कारण ड्रॉपआउट की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग हर साल कुछ नया प्रयास करता है। इस बार विभाग ने तय किया है कि स्टूडेंट्स को स्कूल से बाहर न जाने दिया जाए, यानी 5वीं, 8वीं और 10वीं पास करते ही उसी स्कूल के प्रधानाचार्य या प्राचार्य स्टूडेंट को अगली कक्षा में एडमिशन देने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे। भले ही स्टूडेंट दूसरे सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहा हो।
एडमिशन के लिए जिम्मेदारी भी तय
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नीति में विभाग ने संकुल क्षेत्र के सभी प्राथमिक, मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक और हाई स्कूल के प्राचार्य की जिम्मेदारी तय की है। उनसे ड्रॉपआउट और की समस्या से कहा गया है कि किसी भी सूरत में स्टूडेंट ड्रॉपआउट नहीं होना चाहिए। उसे संकुल क्षेत्र के किसी भी सरकारी स्कूल में एडमिशन लेना हो तो आप अपने स्कूल में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कराएँगे।
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