रीवा। नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष के भतीजे पर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। पहले तो निगम अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो उनके द्वारा मंगलवार को जांच करते हुए निर्माण को रोक दिया गया। निर्माणकर्ता से संबंधित दस्तावेज मांगें हैं और उनकी जांच की जा रही है। पूर्व निगम अध्यक्ष के भतीजे पर शासकीय जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप है। मामला वार्ड क्रमांक 30 जैन मंदिर के सामने का है, जहां पूर्व निगम अध्यक्ष सतीश सोनी के भतीजे द्वारा अवैध कब्जा शासकीय भूमि में किया जा रहा था। शिकायत करते हुए अनिल कुमार जैन पिता स्व. मोहन लाल जैन ने बताया था कि उनका नजूल का प्लॉट क्रमांक 2694/2 का रकवा 0.04हे. (1744 वर्गफीट) है, जिसके अंश रकवे में गौरव सोनी पिता संतोष सोनी द्वारा बने हुए जीर्ण-शीर्ण मकान को क्षति पहुंचाकर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इतना ही नहीं, उक्त व्यक्ति द्वारा पूर्व दिशा में लगी हुई पीडब्ल्यूडी की लाखों रुपए की शासकीय अवैध कब्जा किया जा रहा है।
निगम अधिकारियों की जांच में जो अब तक सामने आया है उसके अनुसार पूर्व निगम अध्यक्ष के भतीजे गौरव सर्राफ(सोनी) ने रिहायशी भवन बनाने की अनुमति उक्त जमीन में ली है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिस जमीन पर निर्माण किया जा रहा है, वह कितनी गौरव सोनी की है और कितनी पीडब्ल्यूडी की , जमीन संबंधित दस्तावेज निर्माणकर्ता से निगम अधिकारियों ने मांगे हैं, हालांकि मंगलवार को उसके द्वारा दस्तावेज नहीं दिए गए, जिससे निर्माण को रुकवा दिया।
दुकानें बनाने की तैयारी
स्थानीय लोगों के बीच चल रही चर्चा के अनुसार इस भूमि पर पहले समुदायिक भवन का टेंडर निगम द्वारा किया गया था, तब पूर्व निगम अध्यक्ष सतीश सोनी इसी वार्ड 30 के पार्षद थे। ठेका भी उनके भतीजे को मिला था। जब शासकीय भवन गिर गया तो इस समुदायिक भवन का निर्माण नहीं कराया गया। जैन समुदाय के लोगों ने पार्किंग बनाने की मांग की और निगम ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी। अब पार्किंग के साइड में ही शटर देकर दुकानें निर्माण कराने की तैयारी में निर्माणकर्ता हैं। बताया गया कि राजनैतिक दबाव में कार्यवाही नहीं की जा रही थी लेकिन मामला उजागर हुआ तो अधिकारी भी हरकत में आए हैं।
जैन मंदिर के सामने गौरव सर्राफ द्वारा कराए जा रहे निर्माण को रोक दिया गया है। भवन अनुज्ञा रहवासी की है, जमीन संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। परीक्षण के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। शासकीय भूमि में अवैध कब्जा किए जाने का भी आरोप है।
एचके त्रिपाठी
कार्यपालन यंत्री ननि