जबलपुर। महानगर में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है व अपराध के बढ़ रहे स्तर पर भी विचार किया जा रहा है। बता दें कि हाल में ही नवभारत टाइम्स ने अपनी एक खबर में बताया कि एमपी के जबलपुर में 70 वर्षीय बिजनेसमैन की जगह 45 साल का आदमी 84 दिन तक जेल में रहा है। जेल से बाहर आने के बाद उसे शख्स ने आरोप लगाया है कि मुझे कोर्ट ले जाकर आरोपी अनिरुद्ध खम्पारिया की जगह पर मुझे जेल में डाल दिया गया। पीड़ित ने कहा कि मैंने जेल अधिकारियों से यह कहा था कि मैं आरोपी नहीं हूं लेकिन किसी ने मेरी दलील पर ध्यान नहीं दिया। मगर सवाल यह भी है कि कोर्ट में जाकर उसने पेपर पर दस्तखत क्यों किए। क्या आरोपियों के साथ था, पीड़ित की कोई डील थी। इन तमाम बिंदुओं पर जांच होगी। जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सिटी एसपी को सौंपा है। पीड़ित कोमल पांडेय ने कहा है कि वह निर्दोष है। कोमल पांडेय की शिकायत के अनुसार कान्हा रिजर्व पार्क के पास टोल वसूली का ठेका लेने वाले अमित खम्पारिया नाम के एक स्थानीय व्यवसायी पर बाद में अधिक टोल वसूलने और रसीदों में हेराफेरी करने के आरोप में जांच की गई। इस केस में अमित, उसके पिता और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है। पांडे का आरोप है कि 15 सितंबर, 2021 को अमित उन्हें और तीन-चार अन्य लोगों को मंडला जिला अदालत ले गया और कुछ कागजों पर दस्तखत करवा दिए। कोर्ट ने अमित, उसके पिता और तीसरे आरोपी को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।वहीं, कोमल पांडेय ने बताया कि 22 सितंबर 2021 को अमित के लोग फिर से उसे अदालत में ले गए और अमित के पिता अनिरुद्ध खम्पारिया के नाम पर हस्ताक्षर कराए। इसके बाद पुलिस उसे और दो अन्य को किसी और के नाम से जेल ले गई। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कोमल पांडे ने कहा कि मुझे केवल न्याय चाहिए। मैं जेल अधिकारियों से कहता रहा कि मैं 45 साल का हूं और आरोपी 70 साल का है, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। उन्होंने यह भी कहा कि जेल से बाहर आने के बाद मैं तनाव में था, इसलिए मैंने शिकायत दर्ज कराने में समय लगाया। मुझे न्याय के अलावा और कुछ नहीं चाहिए और मैं बरी होना चाहता हूं क्योंकि मैं निर्दोष हूं। कोमल पांडे ने कहा कि किसी और ने अपराध किया और जेल में बंद मैं रहा हूं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने आरोपी अमित से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा था। जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कहा कि शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। बरगी सीएसपी आईपीएस प्रियंका शुक्ला को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांचकर्ता आईपीएस प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हमने मंडला अदालत से कुछ दस्तावेज मांगे हैं। शिकायत में नामजद दो अन्य व्यक्तियों को नोटिस दिया गया है लेकिन वे नहीं आए। हमने दोबारा नोटिस जारी किया है। शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किये हैं।