MISSION MAYANK REWA: त्योंथर क्षेत्र के मनिका गांव का निवासी मयंक आदिवासी को करीब 40 घंटे चले रेस्क्यू के बाद बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन दुख इस बात का रहा कि मयंक उस वक्त तक जिंदगी से जंग हार चुका था। रविवार को चार चिकित्सकों की टीम ने शव का पीएम किया तो प्राथमिक जांच में उसकी मौत दम घुटने के चलते पाया गया है। हालांकि पीएम रिर्पोट अभी तक तैयार नहीं हो सकी है। फिलहाल जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मयंक आदिवासी की मौत दम घुटने से हुई है। वहीं माना यह भी जा रहा है कि बोर में गिरने के बाद आधे घंटे भी मयंक जिंदगी से जंग नहीं लड़ सका और उसकी मौत दम घुटने से हो गई। मौत कब हुई और स्पष्ट कारण क्या हैं, पीएम रिपोर्ट के बनने के बाद ही स्पष्ट होगा। पीएम करने वाली चार सदस्यीय टीम में बीएमओ त्योंथर डॉ. केबी पटेल, डॉ. अखिलेश सिंह, डॉ. चरण सिंह और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अग्निमेश मिश्रा शामिल रहे।
MISSION MAYANK REWA: बताया गया कि पीएम के दौरान पाया गया कि मयंक आदिवासी के नाक की हड्डी टूटी हुई थी। माना जा रहा है कि जब मयंक बोर बेल में गिरा तो पहले ग्रामीणों ने उसे निकालने का प्रयास किया। इसके लिए बोर को चौड़ा करने मिट्टी की निकाली गई जो मयंक के ऊपर ही जा गिरी, नीचे मयंक गीली मिट्टी में फंसा हुआ था। ऊपर से मिट्टी गिरने से उसे ऑक्सीजन नहीं मिल सकी और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। हालांकि शरीर के अन्य किसी अंग में कोई चोट के निशान नहीं पाए गये।
प्रथम दृष्टया दम घुटने से ही मौत का कारण सामने आ रहा है, पीएम रिपोर्ट अभी नहीं मिली है, चार सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने पीएम किया है।
डॉ. संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा