Made an accused in the police station by taking 70 thousand rupees, died in jail:केन्द्रीय जेल रीवा में एक बार फिर कैदी की मौत हो गई, कैदी के मौत की सूचना आम होते ही जेल प्रबंधन पर फिर सवाल खड़ा किया जाने लगा। एक सप्ताह में यह तीसरी मौत हुई है। परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 70 हजार रुपए के लेन-देन का मामला भी चर्चा में है। जानकारी के मुताबिक जेल में बंद कैदी की गुरुवार को उपचार के दौरान संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उक्त कैदी को बीते तीन से चार दिन पूर्व उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई।
मृतक कैदी का नाम फूलचंद गुप्ता बताया गया, जिसे मऊगंज जिले की लौर थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में सह आरोपी बनाकर जेल में दाखिल किया था, जिसके कुछ ही दिनों बाद उसकी तबीयत बिगडऩे पर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई है। हालांकि कैदी के मौत की सही वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है फिलहाल पुलिस द्वारा शव पीएम कराया जा रहा है।
लगातार मौत से खड़े हो रहे सवाल
बता दें कि एक सप्ताह में यह तीसरी मौत जेल में कैदी की हुई है। लगातार हो रही मौत से जेल प्रबंधन पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। बीच में जिला प्रशासन की टीम ने निरीक्षण भी किया था। हालांकि निरीक्षण औपचारिकता तक ही सीमित रहा और व्यवस्थाएं नहीं सुधरी। वहीं चिकित्सकों की माने तो जेल में हो रही कैदियों की मौत की वजह भीषण गर्मी के साथ-साथ क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या हो सकती है।
परिजनों ने लगाए पुलिस पर आरोप
वहीं मृतक के परिजनों का आरोप हैै कि मृतक गल्ला व्यापारी था लेकिन लौर पुलिस ने जानबूझ कर मृतक को सह आरोपी बनाया था, इतना ही नहीं, मृ़तक के साथ थाने में मारपीट की गई थी। जिसके बाद परिजनों से रुपयों की मांग की गई थी। 70 हजार रुपए उनके द्वारा दिए गए और इस सौदे में गाड़ी और मृतक को छोडऩे की बात कही गई थी लेकिन पुलिस ने मृतक को जेल भेज दिया और गाड़ी और मोबाइल परिजनों को दे दिया। परिजनों ने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। लौर पुलिस पर सख्त कार्यवाही की जाए।