रीवा। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होते ही शहर की सड़कों पर लगे नेताओं, राजनीतिक पार्टियों व सरकारी योजनाओं का गुणगान करने वाले होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर हटाने की ताबड़तोड़ कार्रवाई का असर सड़कों पर स्पष्ट नजर आ रहा है। सड़कें खुली खुली नजर आईं तो चौक-चौराहों का माहौल भी बदला बदला है। आचार संहिता के इस उजले पक्ष को देख कर हर जुबां पर एक ही बात है कि काश आचार संहिता हमेशा लगी रहे। चुनाव की घोषणा होने तक शहर के हर प्रमुख चौराहे पर नेताओं के बड़े बड़े कटआउट लगे थे। बाजारों में भी नेताओं के होर्डिंग्स की भरमार नजर आ रही थी। चुनावी वर्ष होने के चलते वर्ष की शुरुआत से ही सड़कें, किनारे के बिजली के पोल व चौराहे नेताओं के जन्मदिन, बधाई संदेशों से पटे पड़े थे। इसके चलते सड़क, चौराहों की चौड़ाई कम हो गई थी। पोस्टर बैनर हटते ही इनकी वास्तविक चौड़ाई नजर आने लगी है। आलम यह था कि अस्पताल चौक, जय स्तंभ, सिरमौर चौराहा सहित कई रोटरी भी बैनर पोस्टर से ढंक गईं थीं,जो अब नजर आने लगी हैं।
हर 10 फीट में थे बैनर
शहर के शिल्पी प्लाजा मार्ग में चारों तरफ से, कॉलेज चौराहा, प्रयागराज मार्ग सहित धोबिया टंकी मार्ग व सीधी हाईवे सहित अन्य डिवाइडर वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में बैनर पोस्टर लगे थे। डिवाइडरों पर हर 10 फिट की दूरी पर ये लगे थे। आकार मे बड़े इन बैनर पोस्टर्स की वजह से डिवाइडर के दोनों ओर सड़क का करीब 3-4 फीट हिस्सा दब जाता था। इसके चलते सड़क संकरी हो जाती थी। बैनर पोस्टर हटने के बाद यह समस्या दूर हो गई है।
दीवारें भी हुई साफ
शहर के सरकारी कार्यालयों व निजी संस्थानों की दीवारों पर भी चुनाव के पूर्व विज्ञापनों की भरमार थी। चुनाव आचारसंहिता लगने के साथ ही ये दीवारें भी साफ हो गई हैं। इन पर लिखे तमाम राजनीतिक व व्यवसायिक स्लोगन व विज्ञापन मिटा दिए गए हैं। निजी इमारतों पर लगे नेताओं के विज्ञापन वाले होर्डिंग्स, बैनर भी निकाल दिए गए हैं। इससे सरकारी दफ्तरों व निजी इमारतें भी साफ और चकाचक नजर आ रही हैं।
बदला चौराहों का नजारा
सिरमौर चौराहा, अस्पताल चौराहा, कॉलेज चौराहा, एजी कॉलेज तिराहा, ढेकहा तिराहा सहित पुराना व नया बस स्टैंड पर राजनीतिक दलों के होर्डिंग्स हटाए गए हैं। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों पर सरकार की उपलब्धियां बताने वाले कई बड़े-बड़े होर्डिंग्स भी उतार दिए गए, जिससे शहर के प्रमुख चौराहों का नजारा बदल गया है। वर्षों पुराने पोस्टर हटे विभिन्न कंपनियों और व्यक्तिगत हित के बैनर-पोस्टर नगर निगम क्षेत्र में भरे पड़े थे। इनमें से अधिकतर बैनर-पोस्टर निगम की बिना अनुमति के लगा दिए जाते हैं। इससे शहर की सुंदरता तो बिगड़ती ही है, दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। आचार संहिता के चलते ये पुराने पोस्टर भी हटाए गए।