In Rewa, old trees symbolizing ancestors were cut down by the officials, anger arose among the people:रीवा। प्रशासनिक उदासीनता के चलते शहर में अब हरियाली मिटती जा रही है, पर्यावरण का संरक्षण की बात करने वाले अधिकारी मौन साध कर बैठे हुए हैं। वह सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की कार्यशालाओं तक ही सीमित रह गए हैं। करोड़ों रुपए पौधारोपण के नाम पर खर्च कर व पर्यावरण संरक्षण का दावा करने वाले अधिकारियों के संरक्षण से शहर के उम्रदराज पेड़ों को काटने का काम किया जा रहा है। इसका विरोध भी लोग कर रहे हैं लेकिन अधिकारी मनमानी पेड़ कटवाते जा रहे हैं। सोमवार की सुबह वार्ड क्रमांक 14 में टेलीफोन कॉलोनी में दर्जन भर से अधिक उम्रदराज वृक्षों की कटाई बिजली विभाग के ठेकेदार ने करा दी।
स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो उनसे ठेकेदार द्वारा अभद्रता की गई। अधिकारियों को सूचित किया गया लेकिन वह भी मौन साध कर बैठे रहे, देखते ही देखते ठेकेदार ने दर्जन भर से अधिक उम्रदराज पेड़ कटवा दिए। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।
स्थानीय लोगों ने तैयार किए थे पेड़
स्थानीय लोगों ने कहा कि यह काफी पुराने पेड़ थे, इनमेंकुछ पेड़ फलदार थे, जिसके फल मोहल्ले भर के लोगों को मिलते थे। स्थानीय लोगों द्वारा ही पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इन पेड़ों को तैयार किया गया था, कुछ ऐसे पेड़ भी थे जिससे स्थानीय लोगों के पूर्वजों की यादें जुड़ी हुई थीं। यह पेड़ उनके पूर्वजों की निशानी के तौर पर भी थे लेकिन सोमवार की सुबह इन पेड़ों को काट दिया गया।
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स्थनीय लोगों को ठेकेदार ने कहा कि जो बिजली लाइन में टच कर रहे हैं उन पेड़ों को काटना है लेकिन उसके द्वारा सभी पेड़ों को काट दिया गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि पेड़ यदि बिजली लाइन को टच कर रहे थे तो उनकी छटाई करनी चाहिए थी लेकिन इतने उम्रदराजपेड़ों को नीचे से काट दिया गया। आखिर कहां गई कीमती लकड़ी : स्थानीय लोगों ने बताया कि पेड़ों की कटाई कराकर ठेकेदार ने इन पेड़ों को अलग- अलग लोगों को बुलाकर तत्काल हटवा दिया। जिससे यह प्रतीत होता है कि ठेकेदार द्वारा इन उम्रदराज पेड़ों से निकली लकड़ी का सौदा किया गया है। यह भी जांच का विषय है कि ठेकेदार द्वार पेड़ काटकर उन्हें भेजा कहा गया। ठेकेदार को अपना फायदा दिखा और उसने मुनाफे के लिए मनमानी उम्रदराज पेड़ों की बलि चढ़ा दी।
पौधारोपण की अपील न करें अधिकारी
स्थानीय लोगों ने कहा कि आए दिन अधिकारी सरकारी रुपयों को खर्च करने के लिए दिखावे के लिए पौधारोपण कार्यक्रम, पौधारोपण संरक्षण कार्यशाला इत्यादि का आयोजन करते हैं और कहते हैं कि एक पौधा जरूर लगाइए और उसे तैयार करिए। स्थानीय लोगों ने सवाल किया कि क्या अधिकारियों के पेड़ कटवाने के लिए पेड़ों को तैयार किया जाए। अधिकारियों को यह पौधा रोपने की अपील करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर रीवा को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और ठेकेदार द्वारा की जा रही इस प्रकार की मनमानी पर रोक लगानी चाहिए। नहीं तो शहर के सभी उम्रदराज पेड़ों को अधिकारी इसी प्रकार से समस्या बताकर कटवा देंगे।
नहीं होती कोई कार्यवाही
बता दें कि बीते कुछ माह पूर्व नेहरू नगर में भी उम्रदराज पेड़ काट दिए गए थे, जिसकी शिकायत करते हुए स्थानीय लोगों ने स्थानीय पार्षद पर पेड़ कटवाने का आरोप लगाया था लेकिन मामले में जांच की बात तो की गई परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे अब अधिकारी-कर्मचारियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और वह उम्रदराज पेड़ों को अपने फायदे के लिए कटवाते जा रहे हैं।