रीवा। नगर निगम प्रशासन द्वारा वर्ष 2023-2024 के लिए संपत्तिकर के स्वनिर्धारण के लिए एक विवरणी तैयार की है। इसके माध्यम से शहर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी सपंत्तिकर का स्वयं निर्धारण कर सकता है। इसके लिए 10 पृष्ठ का विवरणी पत्रक बनाया गया है जिसकी सहायता से बड़ी आसानी से संपत्तिकर का स्वनिर्धारण किया जा सकता है। संपत्तिकर के स्वनिर्धारण के लिए नगर निगम द्वारा बनाई गई विवरणी में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि भवनस्वामी का एक भवन है और उसमें वह स्वयं निवास करते हैं, तो उन्हें 50 प्रतिशत की सीमा तक सम्पत्तिकर से छूट प्राप्त होगी।
यदि भवन स्वामी के पास शहर में एक से अधिक मकान है, तो मात्र एक भवन जिसमें स्वयं निवास करते हैं, उसी निवास पर 50 प्रतिशत सम्पत्तिकर की छूट मिलेगी। दूसरा अन्य भवन व्यावसायिक श्रेणी में माना जावेगा। यदि भवन स्वामी आधे हिस्से में स्वयं निवास करते है एवं आधा हिस्सा किराये परदे रखा है, तो स्वयं निवास वाले भाग पर ही सम्पत्ति कर में 50 प्रतिशत की छूट प्राप्त होगी एवं किरायेदार वाले भाग पर सम्पत्तिकर में छूट नहीं होगी। लेकिन यह छूट तभी उपलब्ध हो पाएगी जब सम्पत्तिकर की अदायगी उसी वित्तीय वर्ष के भीतर की जाती है, जिसमें कर देय है। अर्थात वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 31 मार्च 2024 तक ही छूट का लाभ मिल पाएगा।
संपत्तिकर के स्वनिर्धारण के लिए व्यवस्था बनाई गई है कि
बहुमंजिला भवनों में भूतल की निर्धारित गणना दर से प्रथम मंजिल में 10 प्रतिशत, द्वितीय मंजिल में 20 प्रतिशत कम, तृतीय मंजिल में 30 प्रतिशत, चतुर्थ, पांचवीं व उससे अधिक मंजिल पर 40 प्रतिशत कम कर योग्य सम्पत्ति मूल्य की दर रहेगी। इसके अलावा गोदाम एवं गैरिज के कर योग्य सम्पत्ति मूल्य की गणना दर उस वार्ड के निर्धारित व्यावसायिक दर के अनुसार रहेगी तथा तलघर में संचालित दुकान, गोदाम, गैरिज एवं पार्किंग की गणना दर उस वार्ड के निर्धारित व्यावसायिक दर से 10 प्रतिशत कम रहेगी। मार्गों के सकरेपन के आधार पर भवनों की स्थिति अनुसार 25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक कर योग्य सम्पत्ति मूल्य गणनादर कम होगी। मुख्य सड़क के अन्दर के मार्ग में स्थित भवनों की गणना दर 20 प्रतिशत कम होगी।
इस विवरणी मेंं यह प्रावधान भी किया गया है कि भवन या भूमि स्वामी के द्वारा प्रस्तुत विवरणी की जांच में यदि यह पाया जाता है कि उसमें वर्णित कोई जानकारी सही नहीं है या शंकास्पद है या किसी अन्य कारण से कर योग्य सम्पत्ति मूल्य का पुननिर्धारण आवश्यक है। तब अधिनियम के उपबंध के अधीन निगम द्वारा कर योग्य सम्पत्ति मूल्य के पुननिर्धारण की कार्यवाही की जा सकेगी। पुननिर्धारण में किसी ओर से दस प्रतिशत की फेरफार को ध्यान में नहीं लिया जायेगा। किन्तु फेरफार दस प्रतिशत से अधिक होने पर स्वामी द्वारा किये गये स्वनिर्धारण तथा निगम द्वारा किये गये पुननिर्धारण के अंतर की रकम के पांच गुने के बराबर जुर्माना की राशि अधिरोपित की जाएगी।