सीधी. जिले भर में संचालित पेट्रोल पंपों मे जमकर घटतौली की जा रही है। पेट्रोल डीजल लेने आने वाले ग्राहकों को कम मात्रा में दिया जा रहा है। अर्थात ग्राहकों को निर्धारित दर पर तेल तो दिया जा रहा है लेकिन कम मात्रा में दिया जा रहा है। पेट्रोल पंप ग्राहकों के जेब में डाका डाल रहे हैं लेकिन जिले का जिम्मेदार अमला संचालकों की इस मनमानी पर अंकुश नहीं लगा रहा है। जांच कार्रवाई न होने से पेट्रोल पंप चालकों में कार्रवाई का भय नाममात्र को भी नहीं है। ऐसा भी नहीं कि वाहन चालकों को इस बात की जानकारी नहीं है लेकिन व्यस्तता के चलते कभी इनके द्वारा किसी प्रकार की शिकायत नहीं की जाती। वहीं पेट्रोल पंपों पर गाडिय़ों की लंबी कतार लगी रहती है। जिसके चलते कोई यह जहमत भी नहीं उठाता।
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nनियम विरुद्ध बॉटल और ड्रमों में भी दिया जा रहा तेल : नियमानुसार पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल केवल वाहनों में ही देने के नियम हैं, पर इसका पालन नहीं हो रहा है। पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा ड्रमों सहित अन्य डिब्बों में भी तेल दिया जा रहा है। इससे कभी भी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। पेट्रोल पंप के आस-पास लोगों को दुर्घटनाओं का भय सता रहता है।
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nइमरजेंसी कॉल की सुविधा नहीं- नियमानुसार उपभोक्ताओं को एक इमरजेंसी कॉल मुफ्त में पेट्रोल पंप के मालिकों द्वारा दिया जाना है, पर अधिकतर पेट्रोल पंपों पर इसकी सुविधा उपभोक्ताओं को नहीं दी जा रही है। इसकी भी निगरानी करने वाला कोई नहीं है।
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nफ स्र्ट एड बॉक्स की है कमी- जिले के कई पेट्रोल पंपों पर नियमानुसार फस्र्ट एड बॉक्स की व्यवस्था की जानी चाहिए। लकिन यहां सब मनमानी है। हालांकि कुछ पेट्रोल पंपों पर फस्र्ट एड बॉक्स लगा है, वहां भी किसी काम की नहीं रहता। जिसके चलते आये दिन समस्या बनी रहती है।
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फ्री हवा डालने की व्यवस्था नहीं, कर्मचारी भी नदारत
nबता दें कि सरकार द्वारा सभी पेट्रोल पंपों पर वाहन मालिकों के वाहनों में नि:शुल्क हवा, जांच व हवा भरने की व्यवस्था करने का निर्देश जारी है। इसके लिए पेट्रोल पंप मालिकों को इसकी मशीन पेट्रोल पंप पर रखना है। वह भी इस तरह कि वाहन मालिकों को सुविधाजनक तरीके से इसकी सुविधा मिल सके। पर जिले के कई पेट्रोल पंपों पर इसकी सुविधा नहीं दी जा रही है। इसके लिए पेट्रोल पंप पर अलग से कर्मचारी नियुक्त करना चाहिए, पर ऐसा नहीं हो रहा है। जहां इसकी सुविधा उपलब्ध है, वहां भी वाहन मालिकों से स्वयं ही हवा की जांच तथा हवा भरने को कहा जाता है।
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नहीं दी जाती शिकायत पुस्तिका
nपेट्रोल पंप में ग्राहकों को यदि किसी प्रकार की असुविधा हुई तो इसके लिए वहां कंप्लेट बुक रखे जानी चाहिए लेकिन यहां सब कुछ नदारत है। पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा कम्पलेंट बुक नहीं दी जाती। ताकि उनके संबंध में अधिकारियों के पास किसी प्रकार की शिकायत न पहुचे।
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दफ्तर में बैठे-बिठाये हो रही कार्रवाई
nजिले में नाप-तौल विभाग संचालित है। यहां अधिकारी और कर्मचारी पदस्थ जरूर है लेकिन पेट्रोल पंपों में हो रही धांधलेबाजी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि नाप-तौल विभाग निष्क्रिय है । पेट्रोल पंपों पर मीटर व वजन की जांच नहीं की जाती है। इससे उपभोक्ताओं को काफी चूना लग रहा है। प्रति माह उपभोक्ताओं द्वारा लाखों लीटर तेल दिया जाता है। इससे उपभोक्ताओं को गड़बड़ी के कारण लाखों रुपये की राजस्व की क्षति होती है।
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नोजल पंप में करते हैं कलाकारी
nपेट्रोल या डीजल भरवाते वक्त ही पंप कर्मचारी हरकत कर देते हैं। अगर वह एक बार नोजल का स्विच ऑन करने के बाद बीच में दोबारा उसे रोकता ह्रै, तो ये मानिए कि पेट्रोल-डीजल में घटतौली हुई है। ा् दरअसल, नोजल का संबंध मीटर से होता है। अगर मीटर में 200 रुपए का पेट्रोल फीड किया गया है तो एक बार नोजल का स्विच दबाने पर खुद-ब-खुद ही 200 रुपए का पेट्रोल डल जाएगा और उसे ऑफ करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती।
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nआपके द्वारा इसे संज्ञान में लाया गया है, इसे गंभीरता से लिया जायेगा, जहां भी गड़बड़ी जांच के दौरान मिलेगी, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
nनीलेश शर्मा, एसडीएम सीधी