रीवा। स्वास्थ्य विभाग की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में भी कुर्सी को लेकर खींचतान जारी है। डीईओ की कुर्सी पर कौन बैठेगा, अब तक तय नहीं हो पाया है। यही वजह है कि दो अधिकारी जमें हुए हैं। हालांकि दोनों ही कार्यालय के बाहर से ही मोर्चा सम्हाल रहे। वर्तमान डीईओ प्रौढ़ शिक्षा कार्यालय में तो प्रभारी एक्सीलेंस स्कूल से काम कर रहे हैं। ज्ञात हो कि जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में गंगा प्रसाद उपाध्याय की पदस्थापना की गई थी। उनका मार्च महीने में स्वास्थ्य खराब हो गया था। हार्ट अटैक की शिकायत के कारण वह 20 मार्च को अवकाश पर चले गए थे। ऐसे में आयुक्त लोक शिक्षण ने कार्य प्रभावित न हो इसके लिए अस्थाई व्यवस्था के तहत एक्सीलेंस प्राचार्य को प्रभारी का आदेश जारी कर दिया था। एक्सीलेंस प्राचार्य सुधीर कुमार बांडा को ही डीडीओ पॉवर भी एलॉट कर दिया गया था। एक महीने तक सुधीर कुमार बांडा ही प्रभारी डीईओ के रूप में कार्य किए। 24 अप्रैल को गंगा प्रसाद उपाध्याय कार्यालय पहुंचे और उन्होंने कार्यभार सम्हाल लिया। हालांकि इसके बाद भी कुर्सी पर जंग जारी है। गुरुवार को भी शासन से किसी तरह का आदेश जारी नहीं हुआ। ऐसे में दोनों ही अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी के मोह से बाहर नहीं निकल पाए। दोनों ही मोर्चा सम्हाले रहे। हालांकि कार्यालय में कुर्सी खाली रही। जीपी उपाध्याय बीमारी के कारण सीढिय़ां नहीं चढ़ रहे हैं। कमिश्नर कार्यालय के सामने प्रौढ़ शिक्षा कार्यालय से ही कार्यालय चला रहे हैं। वहीं एक्सीलेंस प्राचार्य डॉ सुधीर कुमार बांडा स्कूल से ही मोर्चा सम्हाले हुए हैं। डीडीओ पॉवर देने को तैयार ही नहीं है।
n
nn
nn
nकर्मचारी भी नहीं दे रहे साथ
nदो अधिकारियों के आने से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी भी दो फाड़ हो गए हैं। जीपी उपाध्याय से एक ही महीने में कर्मचारियों ने दूरी बना ली है। एक्सीलेंस प्राचार्य सुधीर बांडा ने मीठी जुबान से सब को अपनी तरफ कर लिया है। यही वजह है कि अधिकांश कर्मचारी सुधीर बांडा के ही पक्षधर नजर आ रहे हैं।
n
nn
nn
nn
nइसके पहले यहां भी चली खींचतान
nजिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरह ही कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसे ही हालात थे। एक ही पद पर दो अधिकारी जमे थे। दोनों ही अधिकारी सीएमएमओ के रूप में काम कर रहे थे। एक अधिकारी कोर्ट से स्टे लेकर आया था तो वहीं दूसरा शासन के आदेश पर काबिज थे। अब यही स्थिति डीईओ कार्यालय में बन गई है। हालांकि यहां कोर्ट से स्टे जैसी बातें नहंी है। दोनों ही अधिकारी शासन के आदेश से जमें है।
n
nn
nn
nn
nनेता और भोपाल में बैठे अधिकारी बिगाड़ते है माहौल
nवर्तमान स्थिति बेहद खराब है। नेता और अधिकारी रुपए लेकर कोई भी आदेश जारी कर देते हैं। यही वजह है कि इस तरह के हालात अधिकांश जगह निर्मित हो रही है। इतना ही नहीं डीईओ गंगा प्रसाद उपाध्याय के अवकाश पर जाने के बाद चंद घंटे में ही प्रभारी का आदेश भी बदल गया था। पहले प्रभारी डीईओ के पी तिवारी को बनाया गया था। शाम तक आदेश एक्सीलेंस प्राचार्य के नाम आ गया था।