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रीवा। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के तहत जिले की 128 स्कूलों की छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण जिला शिक्षा केन्द्र के माध्यम से निजी संस्था द्वारा दिया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने प्रशिक्षण के लिए किये जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक बेटी को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए। आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से छात्राओं में आत्मविश्वास आयेगा। प्रशिक्षण को उपयोगी और कारगर बनायें। छात्राओं की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए प्राचार्यों से समन्वय करके प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैनात करे। कार्यक्रम तैयार कर इसका विवरण प्रस्तुत करें। राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की सतत निगरानी की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि जिला समन्वयक शिक्षा मिशन स्कूलवार कार्यक्रम तैयार करें। सप्ताह में कम से कम तीन दिन प्रशिक्षण दिया जाय। शिक्षा के साथ-साथ आत्मरक्षा की कला सीखना भी छात्राओं के लिए आवश्यक है। बैठक में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि बोद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होना आवश्यक है। किसी तरह की आपात स्थिति आने पर स्वयं की रक्षा के लिए सचेत रहना तथा मानसिक दृढ़ता के साथ स्थिति का सामना करने का विश्वास होना चाहिए तभी आत्मरक्षा की तकनीक कारगर होगी। प्रशिक्षण के साथ-साथ हमे छात्राओं को जागरूक भी करना आवश्यक है वे किसी भी तरह के अपमान अथवा दुव्र्यवहार का कड़ा प्रतिरोध करें। बैठक में डीपीसी संजय राय सक्सेना प्रशिक्षण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में प्रशिक्षण देने वाली संस्था के प्रतिनिधि तथा प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
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