रीवा। संसद के विशेष में सत्र में देश की आधी आबादी के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इससे सरकारी नौकरियों की भांति राजनीति में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलने लगेगा। विधानसभा व लोक सभा चुनावों में एक सीटों पर महिलाओं की भागीदारी होगी। महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा व राज्यसभा में बहुमत से पारित हो चुका है। राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदन के साथ यह कानून अमल में आ जायेगा। हालंाकि इसके क्रियान्वयन में अभी पांच साल का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है। महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद हम रीवा जिले (नवगठित जिला मऊगंज सहित) के संदर्भ में बात करें तो कुल 8 विधानसभा सीटों में से तीन विधानसभा क्षेत्र महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इस तरह तीन विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का कब्जा होगा। अभी तक रीवा जिले में सक्रिय दलों द्वारा केवल उन्हीं महिला नेत्रियों को अवसर दिया गया है जिनका क्षेत्र में दबदबा रहा है या फिर उनके पति विधायक रहे और उन्हें उतारा गया।
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nपिछले तीन दशक में इन महिला नेत्रियों को मिला विधायक बनने का मौका
nपिछले तीन दशक में हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो अभी तक केवल महिला नेत्रियों को ही विधानसभा जाने का अवसर मिला है। उनमें विद्यावती पटेल, नीलम अभय मिश्रा, पन्नाबाई प्रजापति व शीला त्यागी हैं। नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा व पन्नाबाई प्रजापति के पति पंचूलाल प्रजापति विधायक थे और उनका टिकट काटकर पत्नियों को टिकट दिया गया था। विधायक बनने से पहले दोनों महिला विधायक गृहणी थीं। जबकि विद्यावती व शीला त्यागी स्वयं जमीन तैयार कर विधायक बनी हैं।
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n30 वर्ष में कांग्रेस से एक भी महिला विधायक नहीं बनी
nदलों की बात करें तो पिछले 30 सालों कांग्रेस से एक भी महिला विधायक नहीं बनी। जानकारी अनुसार लगभग 40 वर्ष पूर्व चंपा देवी कांग्रेस से विधायक निर्वाचित हुईं थीं, तब से अब तक कांग्रेस की कोई महिला नेत्री विधायक नहीं बनीं। पिछली बार दो महिला नेत्रियों को कांग्रेस ने टिकट अवश्य दिया लेकिन दोनों चुनाव हार गईं। पिछले तीन दशक में जो चार महिला विधायक बनीं उनमें दो भाजपा व दो बहुजन समाज पार्टी से थीं। नीलम अभय मिश्रा भाजपा की टिकट पर सेमरिया विधानसभा क्षेत्र चुनाव जीती थीं। जबकि पन्नाबाई प्रजापति मनगवां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीती थीं। वहीं बसपा की टिकट पर विद्यावती पटेल गुढ़ विधानसभा क्षेत्र व शीला त्यागी बसपा की टिकट से मनगवां विधानसभा क्षेत्र में पन्ना बाई प्रजापति को पराजित कर विधायक बनी थीं।
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