रीवा. प्रदेश में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। 8 दिन बाद नामांकन दाखिला शुरू होगा। कौन किस विधानसभा में उतारा जायेगा, कांग्रेस अभी तय नहीं कर पायी है। अभी तक एक भी विधानसभा में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। आज 13 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस के केेंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) बैठक होगी जिसमें उम्मीदवारों के नाम तय किए जायेंगे। हालांकि पीसीसी अध्यक्ष के अनुसार टिकटों की घोषणा नवरात्रि यानी कि दो दिन बाद 15 या 16 को जारी हो सकती है। पहली सूची में रीवा-मऊगंज जिले की किन-किन सीटों से प्रत्याशी घोषित किए जायेंगे या फिर सभी विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा हो जायेगी, अभी यह कह पाना कठिन है। सीईसी बैठक को लेकर कई नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। कुछ तो कई दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। टिकट की जुगाड़ में हर हथकंडे अपनाने में जुटे हैं। कौन टिकट लेकर आयेगा और कौन डब्ल्यूटी आयेगा, यह तो घोषणा के बाद पता चलेगा लेकिन अभी अधिकांश टिकट के पक्के दावेदार होने का दावा कर रहे हैं। कई ऐसे नेता हैं जिनका बायोडाटा प्रदेश चुनाव समिति द्वारा छांट दिया गया है, वह दिल्ली में सबमिट कराने की पुरजोर कोशिश में हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मऊगंज के अलावा अधिकांश सीटों से दो-दो नामों का पैनल सीईसी में भेजा गया है। कुछ में तीन नामों का भी पैनल है, जिनमें से किसी एक को फाइनल किया जायेगा। किसका भाग्य प्रबल होता है, किसका कमजोर यह वक्त बताएगा।
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किसका नाम पैनल में है किसका नहीं यह तो चुनाव समिति के सदस्य ही जानें, पर कांग्रेसियों के बीच जो चर्चा चल रही है उसके मुताबिक रीवा विधानसभा क्षेत्र महापौर अजय मिश्रा बाबा, इंजी राजेंद्र शर्मा, कविता पांडेय, गुरमीत सिंह मंगू, मनीष गुप्ता, केके गुप्ता हैं। इन पांच में से पैनल बनाया गया है। हालांकि अजय मिश्रा बाबा के चुनाव लडऩे इंकार करने की चर्चा है। इसी प्रकार सेमरिया विधान सभा क्षेत्र से त्रियुगी नारायण शुक्ल भगत, लालमणि पांडेय, धर्मेंद्र तिवारी बब्बुल, सत्य नारायण चौबे में से पैनल बनाया गया है। मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से फिलहाल सुखेंद्र सिंह बन्ना का सिंगल नाम आ रहा है। गुढ़ विधानसभा क्षेत्र से कपिध्वज सिंह, बृजभूषण शुक्ल, राजेंद्र मिश्रा, जितेंद्र मिश्रा, देवतालाब विधानसभा क्षेत्र से सीमा जयवीर सिंह, पद्मेश गौतम, विद्यावती पटेल, मनगवां विधानसभा क्षेत्र से बबिता साकेत, शीला त्यागी, रामशरण कोरी, वर्षा प्रजापति दावेदारों की सूची में रहे हैं। इनमें कौन-कौन पैनल में हैं, कौन बाहर हो गया, इसकेे लिए सीईसी के निर्णय का इंतजार करना ही उचित होगा।
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nसियासी जिला रीवा में कांग्रेस के टिकट वितरण में तराई ने पेंच फंसा दिया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते के कोप भवन में जाने और भाजपा में जाने की अटकलों से टिकट वितरण का समीकरण प्रभावित होता नजर आ रहा है। सिद्धार्थ तिवारी राज की नाराजगी से प्रतीत होता है कि त्योंथर से रमाशंकर पटेल का दावा मजबूत हो चुका है। त्योंथर से यदि पटेल कोटे में टिकट दिया जाता है तो कई विधानसभा क्षेत्रों में असर पड़ेगा। वैसे तो सिरमौर में राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल को प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन टिकट में बदलाव किया जा सकता है। फिर यहां अन्य दावेदार प्रदीप सिंह पटना, पूर्णिमा तिवारी, गिरीश सिंह में से किसी को अजमाया जा सकता है। या फिर सिद्धार्थ की कमी हुई तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की पौत्रवधू अरुणा विवेक तिवारी को उतार कर अमहिया कांग्रेस को बैलेंस किया जा सकता है। यदि अरुणा को नहीं उतारा गया तो रीवा में अमहिया खानदान से जुड़े किसी व्यक्ति पर कांग्रेस दांव लगा सकती है। इस तरह की चर्चा इन दिनों आम है। क्या होगा क्या नहीं, यह पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं पर निर्भर करता है।