रीवा। नगर निगम महापौर अजय मिश्रा बाबा के कार्यकाल का एक वर्ष 30 जुलाई को पूरा हो गया। इस एक वर्ष के कार्यकाल में महापौर अजय मिश्रा बाबा ने जनता की मूलभूत सुविधाओं पर विशेष फोकस किया। जनता को राहत मिली और महापौर ने वार्डो में एक के बाद एक सौगात देकर लोगो का दिल जीत लिया। वहीं लाखो रुपए के बेवजह खर्च को रोकते हुए मात्र 25 रुपए के नारियल तोड़ भूमिपूजन व लोकार्पण के निर्णय ने प्रदेश भर में सुर्खियां बटोरी। महापौर के इस निर्णय ने निगम के करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपए का बेवजह खर्च बचाया, हालांकि भाजपाई इसके बाद भी नहीं माने और कई जगहों पर खर्च उनके द्वारा कराया गया। महापौर ने पद की शपथ लेते ही नवाचार की शुरुआत की और शासकीय वाहन न लेते हुए अपने स्वयं के वाहन से चलने व डीजल खर्च खुद वहन करने का निर्णय लेकर सबको हैरान कर दिया। भृत्य के सेवानिवृत्ति पर उसे एक दिन का महापौर बनाया जिसे प्रदेश सहित राज्यों के नगर निगमों में सराहा गया। बिना पर्ची डायरेक्ट मिलना, लोगो से डोर-टू-डोर जाकर मिलना सहित कई ऐसे कार्यो ने जनता के बीच महापौर की लोकप्रियता को और बढ़ाया। हालांकि कई जनहित के कार्य भाजपा पार्षदों के अड़ंगे के चलते पूरे भी नहीं हो सके। बता दें कि बीते एक वर्ष में हुए कार्यो से लोगो के इस सवाल के जवाब जरुर मिल गया है कि 23 वर्ष बाद भाजपा के किले को ध्वस्त कर महापौर की कुर्सी पर बैठे कांग्रेस महापौर शहर का विकास कर सकेंगे या नहीं, क्योंकि इसका जवाब जनता को बीते एक वर्ष में हुए कार्यो से मिल रहा है।
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nवर्ष भर चलता रहा विवाद
nबता दें कि महापौर अजय मिश्रा बाबा के कार्यकाल शुरु होते ही विवाद शुरु हुआ और वह एक वर्ष चलता रहा। बता दें कि शपथ लेने में ही भाजपाईयों ने पूर्व से आ रही प्रथा बदल दी और बिना महापौर अकेले ही शपथ ले ली, अध्यक्ष ने भी बिना अधिकारों को जाने अधिकारी-कर्मचारियों की मीटिंग लेनी शुरु कर दी, बाद में महापौर ने रोक लगाई। दो कक्ष पर अध्यक्ष ने अपना कब्जा जमाया तो इसका भी विरोध हुआ। पूरा साल श्रेय लेने की होड़ पक्ष-विपक्ष में चलती रही और दो-दो भूमिपूजन व लोकार्पण चलते रहे। रीवा विधायक उन कार्यो का लोकार्पण व भूमिपूजन करते रहे जिनका महापौर द्वारा किया जा चुका था। पुरानी भ्रष्टाचार की फाइले खोली गईं लेकिन सरकार के दबाव में अधिकारी-कर्मचारियों ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
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nइन कार्यो से बदली शहर की सूरत…
n1.निर्माण:आपको बता दें कि बीते एक वर्ष में महपौर ने सिर्फ सड़क व नाली के लिए 71.39 करोड़ खर्च किए, इसके अलावा 11.87 करोड़ से पीस वर्ग के कार्य हुए, कायाकल्प के तहत वर्षो से सीवरेज प्रोजेक्ट में उखड़ी सड़को का सुधार कराया, करीब 8.08 करोड़ खर्च कर जनता को राहत दी। 3.55 करोड़ से शौचालयों का निर्माण कराया, संजीवनी क्लीनिक में 1.08 करोड़ खर्च कर शहर के वार्डो में स्वास्थ्य सुविधा देने का कार्य किया गया।
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n2.बिजली: जनता की मूलभूत सुविधाओं में से बिजली की समस्या शहर में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पर भी महापौर ने खूब काम किया। एक वर्ष में 4.62 करोड़ रुपए खर्च करके लाइटे बदली गई, शहर को सुंदर बनाने मुख्य बाजार में डेकोरेटिव पोल लगवाए, जिसे जनता ने खूब पसंद किया। इसके अलावा कुछ मार्गो पर कार्य जारी है। शहर में कई जगहों पर हाई मास्क लाइटे बड़ी व छोटी लगवाई गईं, जनता को बड़ी राहत मिली। यह लाइटे सार्वजनिक स्थानो पर लगाई जाएंगी जो शहर में गिनती की ही थी।
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n3.पानी: शहर की सबसे बड़ी समस्या मीठे पानी पर भी महापौर अजय मिश्रा ने काम किया, शासन की मांग पर प्रस्ताव तैयार कराया गया। महापौर अजय मिश्रा बाबा व उनकी एमआईसी ने इसे पहली एमआईसी में स्वीकृति किया और 158 करोड़ की राशि केन्द्र सरकार की तरफ से अमृत-2 योजना के तहत दी गई है। जिससे शहर में नया वॉटर ट्रीटमेंट प्लॉन व पानी की टंकिया व पाइप लाइन बिछाई जाएगी व पुरानी लाइनों को भी बदला जाएगा। 133.98 करोड़ इस पर खर्च होने हैं।
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n4.जनसुविधा: कार्यालय में अपने कार्यो को लेकर आने वाली जनता के लिए महापौर द्वारा एकल खिड़की शुरु कराई गई है, इसमें हर प्रकार की शिकायत ली जा रही है। इस एकल खिड़की से जनता को राहत मिली है। मेयर हेल्प लाइन में भाजपाईयों ने अड़ंगा लगाया और इसे नहीं शुरु किया जा सका। टैक्स कम करने का प्रस्ताव परिषद् में रखा तो भाजपा पार्षदों ने टैक्स नहीं कम होने दिया, हालांकि बाद में इससे भाजपा पार्षदों की बड़ी किरकिरी हुई और रीवा विधायक के इशारे पर ऐसा किए जाने का आरोप भी लगा। खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए महापौर कप का प्रस्ताव रखा गया लेकिन इसे भी भाजपा के पार्षदों ने नकार दिया। उद्यानिकी में 56.64 लाख, पार्क विकास में 1.87 करोड़ व जनता की मांग पर महापुरुषों की प्रतिमाएं 53.30 लाख रुपए स्थापित कराई जा रही हैं।
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n5.साफ-सफाई: शहर के सफाई व्यवस्था में काफी सुधार बीते एक वर्ष में देखने को मिला है। बरसात के दिनों में याद आने वाले नालो को पूरी तरह से नाला गैंग ने साफ किया, जिससे बरसात में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा दिन में मुख्य मार्गो मे आधुनिक मशीनो से सफाई, 10 लोगो की विशेष स्वच्छता टीम बनाई गई है जिसमें इमरजेंसी पर वह टीम सफाई करने पहुंचती है। इसके अलावा वार्डो में सफाई व्यवस्था का जायजा लेने खुद महापौर के औचक निरीक्षण पर निकलने से बड़ा सुधार सफाई व्यवस्था में हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए 9.68 करोड़ व स्वास्थ्य शाखा में 65.82 लाख खर्च किया गया।
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n6.कर्मचारी: जनसुविधाओं के साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारी हित में महापौर अजय मिश्रा बाबा ने काम किया, बीते एक वर्ष में अधिकारी-कर्मचारियों के एरियर्स भुगतान, निगम पर बकाया को खत्म किया गया। इसके साथ ही चुंगी छतिपूर्ति पर होने वाली कटौती भी अब बंद है वहीं निगम के खाते में राजस्व भी पर्याप्त है। इतना ही नहीं राजस्व वसूली में भी निगम काफी तेज गति से काम कर रहा है। कार्यालीन कार्यो का कर्मचारियों से लोकार्पण व भूमिपूजन कराकर उनका मनोबल बढ़ाया।
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nसीधी बात…
n1. एक वर्ष के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि क्या मानते हैं?
nउत्तर: जनता ने मुझे सेवा का अवसर दिया और मैं जनता के इशारे पर ही उनकी मांग के अनुसार काम करता जा रहा हूं, मैंने हर काम जनता के लिए किए हैं।
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2. जनता के बीच जाकर आपने समस्या सुनी, क्या मिला?
nउत्तर: जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई जो शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण था, सड़क, नाली, पानी व बिजली के बिना लोग आज भी परेशान हैं। हैरानी है कि जनता की इन समस्याओं के बीच कैसे रीवा विधायक विकास पुरुषा का तमगा गलाए हुए हैं।
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3. विपक्ष आरोप लगा रहा है, आपने घोषणा पूरी नहीं की?
nउत्तर: विपक्ष ने जनहित के कार्य में अड़ंगा लगाया है, इसके बाद भी आरोप लगाना गलत है, टैक्स कम करने जैसे महत्वपूर्ण मामले में विरोध किया गया और जनता को राहत नहीं मिल सकी। फिलहाल जनता की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने पर काम किया जा रहा है, हर घोषणा पूरी की जाएगी।
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n4. आपने भाजपा सरकार की योजनाओं पर काम किया लेकिन आप की योजना का विरोध हो रहा है?
nउत्तर: जो भी कार्य जनहित के लिए होंगे उनमें मैं भाजपा-कांग्रेस नहीं देखता, जनता के कार्य होने चाहिए, स्वच्छता सर्वेक्षण, सीवरेज सहित अन्य कार्याे में पूरा सहयोग किया जा रहा है ताकि जनता को राहत मिले लेकिन दुखद है कि भाजपा पार्षद ऐसा नहीं कर रहे हैं, वह महापौर का विरोध करने के चक्कर में भूल जाते हंै कि वह जनता के कार्यो पर रोक लगा रहे हैं।
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5.एक वर्ष के कार्यकाल में ऐसा लगा कि परिषद् में बहुमत होना चाहिए था?
nउत्तर: बिल्कुल जब शुरुआत की तो लगा कि सभी अपने बीच के पार्षद भाईं है और जनता के कार्यो में सहयोग करेंगे, सभी के कदम से कदम मिलाकर चल भी रहा हूं, वार्ड के विकास कार्यो के लिए भाजपा-कांग्रेस नहीं देखा जाता लेकिन जब जनहित के कार्यो में रोक लगाई जाती है तब लगता है की परिषद् में बहुमत होता तो ऐसा नहीं होता। जनता को टैक्स में राहत नहीं दी गई, इस विरोध को लेकर कई दिन तक हैरान था कि आखिर भाजपा पार्षदों ने ऐसा क्यों किया?
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6.रीवा के विकास के लिए भविष्य में क्या योजना है?
nउत्तर: सबसे पहले जनता की मूलभूत सुविधाएं पूरी करेंगे, घर के बाहर पक्की सड़क व नाली, मीठा पानी, बिजली की अश्वयकता पूरी करेंगे। इसके अलावा साथ में ही मल्टी पार्किंग, हाकर्स कार्नर, स्ववित्तीय योजनाओं से निर्माण कार्य कराकर आय का श्रोत बनाया जाएगा। जनता का पैसा है जनता के कार्यो में ही खर्च करेंगे।
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