रीवा। नामांकन प्रक्रिया की तिथि जैसे नजदीक आ रही है रीवा संभाग में भाजपा में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। संभाग की 7 सीटों में टिकट दावेदार बागी हो गए हैं बगावत की राह पर हैं। भाजपा के खिलाफ बागी सिर उठा कर उसके विजय अभियान में रोड़ा बन रहे हंैै।
nरीवा जिले के संदर्भ में बात करें तो भाजपा ने पिछले चुनाव में सभी विधानसभा सीटों में जीत दर्ज की थी। आसन्न चुनाव में भाजपा ने दो विधायकों पंचूलाल प्रजापति मनगवां व त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी का टिकट काट दिया है। टिकट कटने से यहां असंतोष पनप रहा है। 23 अक्टूबर को भाजपा विधायक पंचूलाल व उनकी पत्नी पूर्व विधायक पन्नाबाई प्रजापति ने नामांकन फार्म खरीदा और पत्रकार वार्ता कर बगावत का ऐलान किया। हालांकि त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी तो पार्टी के निर्णय के बाद शांत हैं लेकिन दूसरे दावेदार पूर्व मंत्री स्व. रमाकांत तिवारी के बड़े बेटे कौशलेश तिवारी उर्फ तिवारी लाल के तेवर बगावती हैं। बुधवार को वायरल हो रहे एक वीडियो में वे समर्थकों के साथ हैं और चुनाव लडऩे का ऐलान भी कर रहे हैं। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए साफ सुना जा रहा है कि पार्टी ने बाहर के व्यक्ति को टिकट देकर अच्छा नहीं किया है। जैसा समर्थक उन्हें कहेंगे, एक दो दिन के भीतर निर्णय लेंगे। समर्थक भी यह कहते नजर आ रहे हैं कि पार्टी ने रीवा में रहने वाले व्यक्ति को, जो उन्हें जानते पहचानते ही नहीं उन्हें टिकट दे दिया है तो अपनी पीड़ा हम कहेंगे किससे। इसलिए हम पार्टी के इस निर्णय के पक्ष नहीं है और उनके नेता कौशलेश तिवारी मैदान में उतरेंगे।
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सीधी में अपनी ताकत दिखाकर बागी हो चुके हैं केदार
nपेशाब कांड मामले में पर्दा डालने के लिए भाजपा ने सीधी से चार बार के विधायक केदार शुक्ल को टिकट नहीं दिया। पार्टी ने सीधी सांसद रीती पाठक को मैदान में उतारा है। जिससे केदार शुक्ल ने नाराज होकर पहले न्याय यात्रा निकाली इसके बाद 23 अक्टूबर को सीधी के पूजा पार्क में शक्ति प्रदर्शन किया। यहां हजारों लोग जुटे और सभी के समर्थन में वे निर्दलीय मैदान में कूद पड़े। सिंगरौली में भी विधायक राम लल्लू बैस टिकट कटने से नाराज हैं। उनका बेटा एक गोली कांड मामले में नामजद है। माना जा रहा है कि इसी कारण उन्हें टिकट नहीं मिली। अब राम लल्लू भाजपा से बगावत के मूड में हैं। वह इसकी घोषणा भी कर चुके हैं।
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सतना के तीन विधानसभा सीटों में विरोध
nराजनैतिक जिला सतना(मैहर सहित) की पहली विधानसभा नागौद में 80 वर्षीय पूर्व मंत्री व विधायक नागेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी के इस निर्णय से टिकट के प्रबल दावेदार उनके भतीजे गगनेंद्र प्रताप सिंह नाराज हैं। वह समर्थकों के साथ बैठक कर मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। रैगांव में उपचुनाव में ही पूर्व मंत्री स्व. जुगुल किशोर बागरी का परिवार नाराज था और भाजपा हार गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा दोनों ने उन्हीं प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जो 2020 के उपचुनाव में मैदान में थे। सतना विस से भाजपा के युवा नेता शिवाकांत चतुर्वेदी शिवा टिकट न मिलने से नाराज हैं। टिकट घोषित होते ही उन्होंने कहा था कि इस बार गणेश विसर्जन करेंगे और वह भाजपा छोड़कर बसपा से टिकट लेकर मैदान में उतर गए हैं। यहां भाजपा कांग्रेस दोनों ने पिछड़ा वर्ग से प्रत्याशी उतारे हैं। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सुभाष शर्मा ‘डोलीÓ पार्टी छोड़ कर बसपा से मैदान में उतर चुके हैं। डोली शर्मा भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार को टिकट दे दिया। इससे कहा जा सकता है कि संभाग की 22 सीटों में एक तिहाई में भाजपा बगावत का शिकार है। परिणाम क्या होगा आने वाला समय बताएगा।