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n रीवा। आषाढ़ पूर्णिमा के समाप्त होते ही 14 जुलाई से श्रावण कृष्णपक्ष का प्रवेश होगा। इस वर्ष 4 सोमवारों से सुसज्जित श्रावण मास 29 दिवसीय होगा। पुराणों में 4 माह का विशेष महत्व बताया गया है। यह माह क्रमश: कार्तिक, माघ, वैशाख और श्रावण हैं। मान्यता है कि जब जगत नियंत्रा भगवान विष्णु शयन हेतु राजा बलि के लोक, पाताल में गमन करते हैं तब जगत के पोषण की जिम्मेदारी भगवान शिव पर आती है, और यही से प्रारंभ होता है श्रावण मास। n पौराणिक मान्यताएं भी हैं कि श्रावण मास के दौरान भगवान शिव कैलाश पर्वत से आकर पृथ्वी पर विचरण करते हैं। श्रावण मास लगते ही कांवरियों की कांवर यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। साथ ही शुरू हो जाएंगे भोलेनाथ के भक्तों द्वारा उन्हें रिझाने के जतन। श्रावण मास में शिव अभिषेक तथा पार्थिव शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व माना गया है। पौराणिक मान्यताएं हैं कि इनमें से कोई भी एक कृत्य श्रावण मास में संपन्न करने से वर्षपर्यंत दुख दारिद्र से छुटकारा प्राप्त होता है।n
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n श्रावण मास में होंगे चार सोमवारn
n ज्योतिर्विद राजेश साहनी ने बताया कि इस वर्ष श्रावण माह का आरम्भ 14 जुलाई से होगा। श्रावण मास 29 दिनों का रहकर 12 अगस्त 2022 श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई को, तीसरा सोमवार 1 अगस्त को और चौथा अंतिम सोमवार 8 अगस्त को होगा। श्रावण मास में भगवान शिव को अधिपति माना गया है तो वहीं सोमवार का दिन ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा के आधिपत्य का माना गया है। जिसके देवता स्वयं शिव है इस कारण श्रावण मास में सोमवार का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व बताया गया है। श्रावण मास के सोमवार का व्रत रहते हुए अभिषेक शिवपूजन तथा शिवार्चन करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।n
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ऐसे करें शिव पूजn
n प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर शिव पूजा एवं सोमवार व्रत का संकल्प करें। पूर्व अथवा उत्तर मुखी होकर दूध, दही, घी एवं पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं अथवा अभिषेक करें। शिवलिंग पर श्वेतार्क ,शमी के पत्ते, बिल्वपत्र, बेल, भांग, धतूरा, यज्ञोपवीत तथा वस्त्र अर्पित करें। शिव सहस्त्रनाम शिव चालीसा शिव तांडव स्त्रोत अथवा पंचाक्षरी मंत्रों का यथासंभव पाठ करें। तत्पश्चात कपूर से आरती करते हुए शिव पूजन का समापन करें।n
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n राशि के अनुरूप मनायें महादेव कोn
n श्रावण मास में शिव की प्रसन्नता एवं सफल पूजन हेतु सर्वप्रथम अपनी राशि सुनिश्चित करें। आपकी जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित हो वही आपकी जन्म राशि है अथवा यहां पर नाम राशि से भी विचार किया जा सकता है। अपनी राशि के आधार पर शिव पूजन करने से त्वरित फलों की प्राप्ति होती है….n
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n श्रावण मास में होंगे चार सोमवारn
n ज्योतिर्विद राजेश साहनी ने बताया कि इस वर्ष श्रावण माह का आरम्भ 14 जुलाई से होगा। श्रावण मास 29 दिनों का रहकर 12 अगस्त 2022 श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई को, तीसरा सोमवार 1 अगस्त को और चौथा अंतिम सोमवार 8 अगस्त को होगा। श्रावण मास में भगवान शिव को अधिपति माना गया है तो वहीं सोमवार का दिन ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा के आधिपत्य का माना गया है। जिसके देवता स्वयं शिव है इस कारण श्रावण मास में सोमवार का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व बताया गया है। श्रावण मास के सोमवार का व्रत रहते हुए अभिषेक शिवपूजन तथा शिवार्चन करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।n
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ऐसे करें शिव पूजn
n प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर शिव पूजा एवं सोमवार व्रत का संकल्प करें। पूर्व अथवा उत्तर मुखी होकर दूध, दही, घी एवं पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं अथवा अभिषेक करें। शिवलिंग पर श्वेतार्क ,शमी के पत्ते, बिल्वपत्र, बेल, भांग, धतूरा, यज्ञोपवीत तथा वस्त्र अर्पित करें। शिव सहस्त्रनाम शिव चालीसा शिव तांडव स्त्रोत अथवा पंचाक्षरी मंत्रों का यथासंभव पाठ करें। तत्पश्चात कपूर से आरती करते हुए शिव पूजन का समापन करें।n
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n राशि के अनुरूप मनायें महादेव कोn
n श्रावण मास में शिव की प्रसन्नता एवं सफल पूजन हेतु सर्वप्रथम अपनी राशि सुनिश्चित करें। आपकी जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित हो वही आपकी जन्म राशि है अथवा यहां पर नाम राशि से भी विचार किया जा सकता है। अपनी राशि के आधार पर शिव पूजन करने से त्वरित फलों की प्राप्ति होती है….n
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n – मेष राशि- n इस राशि वालों को भगवान शिव जी का अभिषेक गाय के कच्चा दूध में शहद मिलाकर करना चाहिये। लाल रंग का चन्दन एवं फूल चढ़ाना सौभाग्य में वृद्धि करेगा। ऊॅ नम: शिवाय का जाप मेष राशि की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करेगा।n
n – वृषभ राशि- n वृषभ राशि वालों को दही से शिव का अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल तथा बेलपत्र चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शिव सहस्रनाम का पाठ करें इस सावन पर, जन्म कुंडली के समस्त दोषों का निवारण होगा।n
n – मिथुन राशि-n मिथुन राशि वालों को गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को भांग, धतूरा, तथा बेलपत्र चढ़ायें, संपूर्ण वर्ष सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। ऊॅ नम: शिवाय का जाप आपकी मनोकामना को पूर्ण करेगा।n
n – कर्क राशि-n किस राशि वालों को दूध में शक्कर मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। आंक के श्वेत फूल, धतूरा तथा बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए। रुद्राष्टक का पाठ करना शुभ होगा।n
n – सिंह राशि-n आपको मधु अथवा गुड़ युक्त जल से भगवान शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को कनेर का पुष्प तथा लाल रंग का चन्दन अर्पित करना चाहिए। आपको महामृत्युंजय मन्त्र का जाप संपूर्ण श्रावण मास में करना चाहिए।n
n – कन्या राशि-n शिवजी का अभिषेक गन्ने के रस से करना चाहिए। शिव जी को भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं। ऊॅ नम: शिवाय मन्त्र का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करना भी श्रेयस्कर होगा।n
n – तुला राशि-n आपको भगवान शिव का गाय के घी और इत्र या सुगंधित तेल या मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें। दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करें।n
n – वृश्चिक राशि- n आपको पंचामृत अथवा शहद युक्त जल से भगवान शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। लाल फूल, लाल चन्दन भी शिव को जरुर चढ़ाएं। बिल्वपत्र चढ़ाने से कार्यो में सफलता मिलती है। रूद्राष्टक का पाठ करना श्रेयस्कर रहेगा।n
n – धनु राशि-n इस राशि के जातकों को दूध में हल्दी अथवा पीला चन्दन मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। महादेव को पीले पुष्प या गेंदे के फूल अर्पित करें। खीर का भोग लगाना भी शुभ रहेगा। ऊॅ नम: शिवाय का जाप करे ।n
n – मकर राशि- n आपको नारियल के पानी से अथवा गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव जी को बिल्व पत्र, धूतरा, शमी के फूल, भांग एंव अष्टगंध चढ़ाना चाहिए। श्रावण मास में शिव तांडव स्त्रोत का निष्ठापूर्वकn
n – कुम्भ राशि- n सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।n
n शमी के फूल पूजा में अर्पित करे। शिव सहस्त्रनाम का नित्य पाठ करें।n
n – मीन राशि- n आपको केशर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। शिव जी की पूजा पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प से करनी चाहिए। ऊं नम: शिवाय मन्त्र का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा।n
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n – मेष राशि- n इस राशि वालों को भगवान शिव जी का अभिषेक गाय के कच्चा दूध में शहद मिलाकर करना चाहिये। लाल रंग का चन्दन एवं फूल चढ़ाना सौभाग्य में वृद्धि करेगा। ऊॅ नम: शिवाय का जाप मेष राशि की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करेगा।n
n – वृषभ राशि- n वृषभ राशि वालों को दही से शिव का अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल तथा बेलपत्र चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शिव सहस्रनाम का पाठ करें इस सावन पर, जन्म कुंडली के समस्त दोषों का निवारण होगा।n
n – मिथुन राशि-n मिथुन राशि वालों को गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को भांग, धतूरा, तथा बेलपत्र चढ़ायें, संपूर्ण वर्ष सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। ऊॅ नम: शिवाय का जाप आपकी मनोकामना को पूर्ण करेगा।n
n – कर्क राशि-n किस राशि वालों को दूध में शक्कर मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। आंक के श्वेत फूल, धतूरा तथा बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए। रुद्राष्टक का पाठ करना शुभ होगा।n
n – सिंह राशि-n आपको मधु अथवा गुड़ युक्त जल से भगवान शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को कनेर का पुष्प तथा लाल रंग का चन्दन अर्पित करना चाहिए। आपको महामृत्युंजय मन्त्र का जाप संपूर्ण श्रावण मास में करना चाहिए।n
n – कन्या राशि-n शिवजी का अभिषेक गन्ने के रस से करना चाहिए। शिव जी को भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं। ऊॅ नम: शिवाय मन्त्र का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करना भी श्रेयस्कर होगा।n
n – तुला राशि-n आपको भगवान शिव का गाय के घी और इत्र या सुगंधित तेल या मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें। दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करें।n
n – वृश्चिक राशि- n आपको पंचामृत अथवा शहद युक्त जल से भगवान शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। लाल फूल, लाल चन्दन भी शिव को जरुर चढ़ाएं। बिल्वपत्र चढ़ाने से कार्यो में सफलता मिलती है। रूद्राष्टक का पाठ करना श्रेयस्कर रहेगा।n
n – धनु राशि-n इस राशि के जातकों को दूध में हल्दी अथवा पीला चन्दन मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। महादेव को पीले पुष्प या गेंदे के फूल अर्पित करें। खीर का भोग लगाना भी शुभ रहेगा। ऊॅ नम: शिवाय का जाप करे ।n
n – मकर राशि- n आपको नारियल के पानी से अथवा गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव जी को बिल्व पत्र, धूतरा, शमी के फूल, भांग एंव अष्टगंध चढ़ाना चाहिए। श्रावण मास में शिव तांडव स्त्रोत का निष्ठापूर्वकn
n – कुम्भ राशि- n सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।n
n शमी के फूल पूजा में अर्पित करे। शिव सहस्त्रनाम का नित्य पाठ करें।n
n – मीन राशि- n आपको केशर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। शिव जी की पूजा पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प से करनी चाहिए। ऊं नम: शिवाय मन्त्र का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा।n
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