रीवा। जिला पंचायत सभागार में गुरुवार को हुई सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार रही। 15 वें की राशि के वितरण के लिए चर्चा के लिए सदस्यों ने हंगामा किया। सदस्यों की मांग पर पालन प्रतिवेदन पर चर्चा रोककर 15वें वित्त की राशि पर चर्चा की गई। इसके साथ ही 15 वें वित्त की 11 करोड़ रुपए को बहुमत के आधार पर सभी सदस्यों को 30-30 लाख रुपए का बजट वितरित करने पर सहमति बनी। इस पर चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा एक दूसरे पर आरोप भी लगाए गए। 15वें वित्त की राशि वितरण के मामले में चर्चा के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष ने एक सदस्य के इस बयान पर नाराजगी जताई जिस पर अध्यक्ष को 2 करोड़ रुपए का आवंटन देने के लिए कहा गया था। इससे पूर्व कई सदस्यों ने राशि वितरण पर भेदभाव का आरोप लगाया। कुछ सदस्यों ने सांसद एवं विधायक की अनुशंसा पर बजट का प्रावधान करने पर ऐतराज जताया। इस पर निर्णय लिया गया कि जिन कार्यों को सांसद एवं विधायकों द्वारा अनुशंसा की गई है, उनमें भी जिला पंचायत सदस्यों की अनुशंसा शामिल की जाए।
nn
nn
nn
दरअसल पालन प्रतिवेदन चर्चा चल रही थी इसी बीच अश्वनी मिश्रा मुन्ना खैरा ने लोगों को याद दिलाया कि 15वें वित्त की राशि की चर्चा भी होनी है। पालन प्रतिवेदन पर चर्चा चल ही रही थी कि नंदिनी हर्षवर्धन तिवारी ने 15वें वित्त की राशि पर चर्चा की मांग उठाई इस पर सदस्य केडी शुक्ल ने आपत्ति की और कहा कि एक सदस्य की मांग पर 15वें वित्त पर चर्चा नहीं होगी अगली बैठक में भी हो सकती है। इस पर अन्य सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि 15 वित पर ही चर्चा होनी चाहिए। जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह ने भी 15वें वित्त की राशि चर्चा का समर्थन किया और कहा कि वोटिंग करा ली जाय कि एजेंड पर चर्चा हो या पालन प्रतिवेदन पर। इतना सुनते ही लगभग 80 प्रतिशत सदस्य एजेंडे पर चर्चा के पक्ष में खउ़े होगए। हालांकि अध्यक्ष नीता कोल ने ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि मै चोर नहीं चर्चा करा लिजिए। इसके साथ ही कहा कि सदन की मर्यादा न रही तो आगे से कौन बोलेगा कौन नहीं यह भी तय कर दिया जायेगा।
n
nn
nn
n31 विद्यालय भवन विहीन
nजिले में भवन विहीन विद्यालयों के बारे में चर्चा शुरू हुई तो जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय ने जानकारी दी कि जिले में अभी भी 31 विद्यालय ऐसे हैं जहां भवन उपलब्ध नहीं है। जिले में 380 विद्यालय भवनों का निर्माण प्रारंभ किया गया है जिसमें 110 विद्यालयों के भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष 270 विद्यालय भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
n
nn
nn
nहर पंचायत में कम से कम एक आंगनवाड़ी भवन हो
nआंगनवाड़ी भवनों की उपलब्धता पर चर्चा में बताया गया कि जिले में 3434 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनमें 1250 आंगनवाड़ी में भवन है। बांकी किराए के कमरे में हैं। सदस्यों की राय पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा हर जनपद में पांच-पांच मॉडल आगनवाड़ी केंद्र के साथ ही प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक आंगनवाड़ी भवन का निर्माण के प्रयास की बात कही।
nn
nn
nडीईओ पर नहीं मिलने का आरोप
nजिंप सदस्य मुन्ना खैरा ने आरोप लगाया कि वह डीईओ से मिलने गया था। पर्ची भेजने के आधे घंअे तक इंतजार के बाद भी डीइओ नहीं मिले। इस पर अध्यक्ष सहित सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की। सीईओ जिपं ने सदस्यों का सम्मान करने के निर्देश दिए। डीईओ ने कहा कि वह सभी से हर समय मिलते हैं। कोई मीटिंग की वजह से ऐसा हुआ होगा।
nn
nn
nपहुंच मार्ग विहीन गांव की जानकारी नहीं
nआरईएस के कार्यपालन यंत्री इस बात की जानकारी नहीं दे पाए कि कितने गांव मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। इस पर जिला पंचायत सीईओ ने अगली बैठक में मुख्य मार्ग से नहीं जुड़े होने वाले गांवों की सूची प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया।
nn
nn
nविद्युतीकरण में कैसे खर्च हुए 6.39 लाख
nजिले में सीएम राइज स्कूलों की चर्चा की गई तो सदस्य देवेंद्र शुक्ल ने आरोप लगाया है कि स्कूल भवन में विद्युतीकरण करने में ही 6.39 लख रुपए खर्च कर दिए गए हैं। इतनी अधिक राशि खर्च कहां हुई। जांच करायी जाय।
n
nn
nn
nआखिरकार पहुंचे एमपीईबी एसई
nपालन प्रतिवेदन दौरान चर्चा से एमपीईबी के एसई की अनुपस्थिति पर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की और आरोप लगाया कि अभी तक एक भी बैठक में नहीं आते। हालांकि कमिश्रर की बैठक के बाद वह पहुंचे और ट्रांसफारमर व केबिल नहीं बदलने पर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की। एसई श्री त्रिपाठी ने बताया कि 1 अप्रैल से अब तक 1235 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। इस पर सदस्यों ने कहा कि कितने प्रतिशत लगाए गए हैं। जिले में 25000 ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं और 12000 ट्रांसफार्मरों की जरूरत है, जिसमें मात्र 1235 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। मऊगंज जिला में आदिवासी संख्या सबसे अधिक है, वहां के बहेरा डाबर एवं जड़कुड़ आदि गांव अभी भी सुविधा से वंचित हैं।
n००००००००००००००००००००
nn