रीवा। शहर में अवारा कुत्तों की नसबंदी करने के लिए एजेंसी नियुक्त किये जाने के बाद स्थल चयन नहीं हो पा रहा है। नगर निगम द्वारा स्थल चयन नहीं कर पाने के कारण कुत्तों की नसबंदी का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। सिविल सर्जन द्वारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एनिमल केयर सेंटर को ठेका दिया गया है लेकिन स्थान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। एनिमल केयर सेंटर को लगभग दो हजार कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य दिया गया है। वर्तमान में शहर के हर मार्ग में कुत्तों का आतंक है। खासकर रात में कुत्तों के आतंक के चलते लोगों का राह चलना मुश्किल हो रहा है। गौरतलब है कि नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के आतंक से निजात पाने के लिए उनकी नसबंदी करने की योजना बनाई गई है।
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इस योजना से शहर के लोगों को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति मिलने की उम्मीद दिखने लगी है। इस संबंध में नगर निगम प्रशासन द्वारा विगत 26 जुलाई को सिविल सर्जन को पत्र लिखा गया था। नगर निगम प्रशासन का पत्र मिलने के पश्चात सिविल सर्जन द्वारा शहर के कुत्तों की नसबंदी करने का ठेका एनिमल केयर सेंटर को दिया गया है। अब उक्त संस्था को सुचारू रूप से कुत्तों की नसबंदी करने के लिए सुरक्षित स्थल की आवश्यकता है। इस संबंध में सिविल सर्जन द्वारा नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखकर कुत्तों की नसबंदी करने के लिए सुरक्षित स्थल का चयन करने के लिए कहा गया है। नगर निगम प्रशासन द्वारा पिछले कई दिनों से शहर में कुत्तों की नसबंदी हेतु सुरक्षित स्थल की खोज की जा रही है लेकिन अभी तक स्थल का चयन नहीं किया जा सका है।
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सूत्रों के मुताबिक कुत्तों की नसबंदी करने के लिए ऐसा स्थल चाहिए जहां नसबंदी के पश्चात कुत्तों को सुरक्षित रखा जा सके। कुत्तों के आतंक से बचने के लिए नगर निगम द्वारा यह नया प्रयोग किया जा रहा है। शहर में आवारा कुत्तों का जिस तरह से आतंक बढ़ गया है उससे मुक्ति पाने के लिए फिलहाल उनकी नसबंदी करना ही बेहतर विकल्प माना जा रहा है। बताया गया है कि कुत्तों को पकडऩे का काम भी एनिमल केयर सेंटर संस्था ही करेगी। शहर में लगभग 4000 कुत्तों की संख्या बताई गई है और नगर निगम प्रशासन का लक्ष्य 2000 कुत्तों की नसबंदी करने का है। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि लोगों को रात में राह चलना मुश्किल हो जाता है। पैदल या साइकिल से जा रहे लोगों को तो आवारा कुत्ते दौड़ाते ही हैं दोपहिया वाहनों में चलने वालों का भी पीछा करते हैं। कई बार तो कुत्तों के कारण दो पहिया वाहन वाले दुर्घटनाग्रस्त तक हो जाते हैं।
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