रीवा। हमेशा ही मनमानी के लिए चर्चित स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक बार फिर चर्चा में हैं। जिसमें कहा जा रहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने एक दागी फार्मासिस्ट को उपकृत कर दिया। उसी पद की जिम्मेदारी दे गई, जिसमें रहते हुए उस कर्मचारी पर लाखों रुपए की रिकवरी निकली थी। शासकीय संपत्ति के लाखों रूपये की रिकवरी निकाली गई थी। सीएमएचओ आफिस में कर्मचारियों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार राजेश मिश्रा फार्मासिस्ट ग्रेड-1 की पदस्थापना मऊगंज सिविल अस्पताल में कर दी गई है, जहां उनको स्टोर कीपर का प्रभार दिया गया है। कहा जा रहा है कि राजेश मिश्रा फार्मासिस्ट ग्रेड-1 कुछ वर्ष पहले भी स्टोर कीपर रीवा की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। तत्समय इनके द्वारा मेडिकल सामग्री के नाम पर लाखों रूपये का घोटाला करने का मामला सामने आया था, इन पर शासकीय दवाइयों को बाजार में खुर्दबुर्द करने का भी आरोप रहा। जांच के दौरान घोटाला सही पाये जाने पर इन पर 7.26 लाख रूपये की रिकवरी भी अधिरोपित की गई थी। यही वजह है कि चर्चाओं में कहा जा रहा है कि ऐसे दागी फार्मासिस्ट की ड्यूटी एक बार फिर से स्टोरकीपर के रूप में लगा दी गई है।
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nनहीं पहुंची थी दवाईयां
nबता दें कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ एसके त्रिपाठी के कार्यकाल में राजेश मिश्रा फार्मासिस्ट स्टोर कीपर रीवा थे। बताया गया है कि आवश्यक सामग्रियों की सप्लाई करने स्थानीय फर्म कश्यप ट्रेडर्स को क्रय आदेश दिये गए थे। उक्त फर्म द्वारा सामग्री सप्लाई तो की गई और स्टोर कीपर द्वारा उसे रिसीव भी किया गया। लेकिन कश्यप ट्रेडर्स द्वारा सप्लाई की गई सामग्री को स्टोर कीपर राजेश मिश्रा द्वारा खुर्द-बुर्द कर दिया गया। इतना ही नहीं शासकीय दवाइयों को बाजार में पहुंचा दिया गया। जिसके बाद तत्कालीन सीएमएचओ ने इन्हें स्टोर से हटा दिया था।
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nदर्ज हो चुकी है एफआईआर
nबताया गया है कि राजेश मिश्रा फार्मासिस्ट पर न केवल मेडिकल सामग्रियों, दवाइयों को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगा अपितु इन पर कार्यालय से कम्प्यूटर चोरी का भी आरोप लगाया गया था। इतना ही नहीं कम्प्यूटर चोरी पर इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। जिन पर इतने सारे भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा हो, उसी की स्टोर में ड्यूटी लगाई गई, जिससे जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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