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जबलपुर। कहते हैं सरकारी नोकरी वालो का जीवन बड़ा आलिशान होता है लेकिन कई ऐसी परेशानियां इन नोकरियों में भी होती है जिसके चलते लोग इन्हें छोड़ देते हैं या फिर मनमानी न मानने की वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला जबलपुर में सामने आया है। 4 वर्ष तक जेल विभाग में सेवा देने वाले एक व्यक्ति आज नर्मदा किनारे भीख मांगने पर मजबूर है। प्रहारी राम शरण मिश्रा आज भिखारी की जिंदगी जी रहा है। विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ जब राम शरण ने आवाज उठाई तो उसे नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया गया।
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आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी जमा पूजी से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से भी निराशा मिली और मिश्रा ने पत्नी, बच्चों को छोड़ा और भिक्षुक बन गए। अब वो आज नर्मदा किनारे भिक्षा मांगकर जीवन यापन कर रहे हैं। राम शरण मिश्रा मूलत: सिहोरा सगोड़ी गांव के रहने वाले हैं।
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1993 मे उसकी जेल विभाग मे नौकरी लगी। मिश्रा की पहली तैनाती मंडला हुई, उसके बाद वह जबलपुर और फिर दमोह में सेवा दिए और मिश्रा का आरोप है कि जेल विभाग में बहुत भ्रष्टाचार है जिसके खिलाफ जब आवाज उठाई तो उन्हें ही बर्खास्त कर दिया गया।
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