nग्वालियर। ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र में रेशम मिल इलाके में सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की मौत हो गई। दोनों सफाई कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के सीवर लाइन के अंदर सफाई करने गए थे, इसी दौरान दोनों जहरीली गैस की चपेट में आ गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। मृतकों के नाम अमन और विक्रम बताए गए हैं। हादसे की जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंचे नगर निगम के कर्मचारियों ने दोनों को बाहर निकाला और उन्हें बिरला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल पर नगर निगम का कोई वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस अफसरों के नहीं पहुंचने से मृतकों के परिजन काफी आक्रोशित थे। उन्होंने पूरे मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे कांग्रेस प्रदेश सचिव सुनील शर्मा ने भी बिना सुरक्षा उपकरण सफाई कर्मियों को सीवर लाइन में उतारने पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस मामले में दोषी ठेकेदार और निगम अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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nजबलपुर/भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने दस साल बाद एफआईआर किये जाने पर अपने अंतरिम आदेश से रोक लगा दी है। जस्टिस संजय द्धिवेदी की एकलपीठ ने मामले में एसपी बालाघाट, लालबर्रा पुलिस के थाना प्रभारी और आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त राहुल नायक को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। बालाघाट में पदस्थ शिक्षक धरम दास भालेकर की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 2013 में तत्कालीन सहायक आयुक्त को रिश्वत के रूप में संस्था का पैसा दिया था, जोकि लोकायुक्त ने पकड़ा था। याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि अब दस साल बाद वर्तमान सहायक आयुक्त ने याचिकाकर्ता पर उसकी रिकवरी निकाल दी। यही नहीं अधिकारी ने थाना प्रभारी को पत्र लिखकर शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। याचिकाकर्ता ने सहायक आयुक्त, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक को लिखित में बताया कि पैसा लोकायुक्त के पास जमा है, इसके बावजूद उनके बयान को नजरंदाज करते हुए उलटा उन्हीं के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवा दिया गया। इसलिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने एफआईआर पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने पक्ष रखा।