रीवा। बिना अनुमति 38 हजार 2 सौ क्विंटल चावल मैन्युअल जमा मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मामले में दो वेयर हाउस प्रबंधकों समेंत तीन मिलर शामिल हैं। इस तरह पांच लोगों के खिलाफ बैकुंठपुर थाने एफआईआर दर्ज कराने की चर्चा है। हालांकि इस संबंध में बैकुंठपुर थाना प्रभारी को कई बार मीडिया द्वारा में दूरभाष संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया। नान के अधिकारियों का भी यही हाल रहा। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मंगलवार को नान द्वारा इस आशय का आवेदन बैकुंठपुर थाने में दिया गया है।
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nप्राप्त जानकारी अनुसार दो माह पूर्व तीन मिलरों जिनमें एक रीवा व एक गुढ़ के भी के द्वारा चावाल जमा करने के लिए आन लाइन एलाटमेंट लिए बगैर मनमानी रूप से संबंधित गोदामों के प्रबंधक की शह पर पाली गोदाम में 26500 क्विंटल व क्योटी गोदाम में 12200 क्विंटल चावल जमा किया गया। बताया गया है कि उक्त चावल एफसीआई गोदाम में जमा होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि एफसीआई एफएक्यू चावल जमा कराता है। संबंधितों का चावल एफएक्यू क्वालिटी का नहीं था इसलिए जुगाड़ कर लगभग 98 लाख का चावल मैन्युअल ही जमा करा दिया।
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हुआ यह कि शासन को उक्त चावल के जमा होने के गोदाम का किराया देना पड़ रहा है जबकि उक्त चावल का भंडारण एफसीआई को कराना था और भंडारण किराया भी उसे ही वहन करना था। गोदाम प्रबंधकों की लापरवाही से नान को लाखों को चपत लग गई। बताया जा रहा है कि मामले की शिकायत जब नान पीएस व नान एमडी से गई तो तरंत एक्शन लेते हुए संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। जिसके पालन में थाने में संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने संबंधी आवेदन दिए गया है।
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nसत्ता में तगड़ी है पकड़
nइस गड़बड़ी में शामिल कुछ मिलरों की सत्ता में गहरी पैठ है। एक मिलर के तो सगे रिश्तेदार विधायक हैं। यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन दोनों वस्तु स्थिति की जानकारी देने से बच रहे हैं। इनमें एक का नाम गायब हुए 33 ट्रक गेहूं खरीदी में भी आया था। लेकिन पुलिस जानने की हिम्मत नहीं जुटा पायी। उक्त मिलर की वजह से विधायक की छवि में भी असर पड़ता है।
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