रीवा. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि अमृत योजना के तहत संचालित सिटी (मेट्रो) बसों का संचालन नगर निगम सीमा के बाहर नहीं किया जाए। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने राज्य शासन के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें नगर निगम सीमा के बाहर 25 किमी. के दायरे में सिटी बस संचालन की अनुमति दी गई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिस योजना के तहत आदेश जारी किया गया था, उसका गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। मोटर वीकल एक्ट की धारा 99 के तहत योजना का गजट नोटिफिकेशन जरूरी है। बता दें कि जबलपुर के निजी बस ऑपरेटर्स महानगरीय बस ओनर्स सेवा समिति व अन्य ने याचिका दायर कर राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया कि राज्य शासन ने 31 मई 2022 को एक आदेश जारी कर सभी नगर निगमों को आदेश दिए थे कि सिटी बसों को निगम सीमा के बाहर 25 किलोमीटर के दायरे में भी संचालित करें। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत, बृजेश दुबे व अन्य ने आदेश को नियम विरुद्ध बताया। जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि अमृत योजना के तहत उक्त बस सेवा के संचालन का दायरा जनहित में बढ़ाया गया था।
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nरीवा में चलती हैं सात बसें
nबता दें कि रीवा नगर निगम अंर्तगत संचालित सिटी बसों में दो रीवा से मनगवां, दो रीवा से गोविंदगढ़, दो रीवा से बैकुंठपुर, दो रीवा से जेपी व एक बस रीवा से व्हाइट टाइगर सफारी के लिए चलती है। इसके अलावा अन्य सिटी बसें शहर के भीतर चलती हैं। अब हाईकोर्ट के इस आर्डर के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि नगर निगम की तरफ से फिलहाल बस संचालन के संबंध में कोई आर्डर सामने नहीं आया है।