भोपाल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफा मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गृह प्रवेश कार्यक्रम के साथ ही आमला में सर्वधर्म शांति के नाम पर आयोजन किया जा रहा था, उसमें विदेशी राजनयिकों और बौद्ध धर्म से जुड़े धर्मगुरुओं को भी आमंत्रित गया था, लेकिन इसके लिए आयोजकों ने न तो केंद्रीय गृह व विदेश मंत्रालय से अनुमति ली और न ही राज्य सरकार से। एक और चौकाने वाली बात सामने आई है कि जो विदेशी धर्मगुरु आमला आ रहे हैं, उनके वीजा में भी आमला प्रवास का कोई जिक्र नहीं है, जबकि विदेशी प्रतिनिधि यदि भारत में किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं, तो उसकी पूर्व अनुमति ली जाती है और वीजा में बाकायदा उल्लेख किया जाता है कि वे कब, कहां जाएंगे और किस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, लेकिन आमला में होने वाले कार्यक्रम के मामले में ऐसा नहीं किया गया।
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nएसपी ने पत्र में यह लिखा
nइस बीच पुलिस अधीक्षक बैतूल ने 21 जून को कलेक्टर बैतूल को लिखे पत्र में आयोजन को संदेहास्पद करार दिया है। अब तक आयोजन की विधिवत अनुमति नहीं मिलने से 25 जून को होने वाले कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। एसपी ने कलेक्टर को 25 जून को आमला में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार कार्यक्रम के संबंध में अभिमत सहित विस्तृत प्रतिवेदन सौंपा था। प्रतिवेदन में कहा गया है किअंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति केंद्र आमला के इंजी. सुरेश अग्रवाल एवं डॉ. गगन मलिक निदेशक गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा 25 जून को आयोजन और सर्वधर्म शांति एवं शिक्षा केंद्र का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित कराने का जिक्र किया गया है। साथ ही कहा गया है कि एसडीेओपी मुलताई और थाना प्रभारी आमला ने कार्यक्रम की जांच की, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि प्रस्तावित कार्यक्रम में श्रीलंका के न्यायमंत्री और 11 देशों के शांतिदूत व थाईलैंड बौद्ध भिक्षु शामिल हो रहे हैं, उसके संबंध में वीजा की अनुमति व प्रकृति के संबंध में प्रपत्र संलग्न नहीं किए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दस्तावेजों के अभाव में कार्यक्रम की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
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आयोजन करने वाली संस्थाओं ने एक जून को बैतूल कलेक्टर को आयोजन की व्यवस्था, सुरक्षा और रहने का इंतजाम करने को लेकर पत्र लिखा था। बैतूल कलेक्टर ने 15 जून को गृह विभाग को पत्र लिखकर इस मामले में मार्गदर्शन मांगा था। आयोजन में प्रेसीडेंट ऑफ वल्र्ड अलायंस ऑफ बुद्धिस्ट थाइलैंड डॉ. पोनचाई पिंग्यापोंग, डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशन वाट फरा थम्मकाया थाइलैंड फराखारूसामू सेंतियोंग विटिवांग्सो, मिनिस्टिर ऑफ जस्टिस श्रीलंका विजयदासा रारापक्षे, पर्सनल असिस्टेंट टू डेप्युटी प्राइम मिनिस्टर कंबोडिया सिकिया चोम, प्रेसीडेंट आईआईडीए दक्षिण कोरिया आदि शामिल हो रहे थे।
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योंग जू मून, फाउंडर डायरेक्टर तीराथन भूमि सोसायटी कमेटी मेंबर वेट थाट थोंग थाइलैंड नट्टाकिट चैचिलारेमोंगको, इंटरनेशलन बुद्धिस्ट पाली यूनिवर्सिटी म्यांमार डॉ. हुनिन हुनिन अये प्रोरेक्टर, सेक्रेटी जनरल वल्र्ड अलायंस ऑफ बुद्धिस्ट मलेशिया डॉ. ले केट योंग, असि. प्रो. डॉ. खंटोंग वट्टानाप्रदिथ थाइलैंड, साबूज बरुआ बांग्लादेश, डॉ. मिताली चौधरी बांग्लादेश, राजेन्द्र वासनिक थाइलैंड, अनूत्तर बरुआ बांग्लादेश, सूंगक्यूम किम दक्षिण कोरिया, सेंगो सोन दक्षिण कोरिया, प्लोनोसिया वोरापिसाकुम थाइलैंड, लिन फाम वियतनाम सहित कुल 23 विदेशी प्रतिनिधि आयोजन में शामिल होने वाले थे। इस कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया को भी आमंत्रित किया गया था।
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जीएडी ने जारी किया नोटिस
nसामान्य प्रशासन विभाग ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में निशा बांगरे द्वारा भोपाल में सरकारी आवास पर कब्जा रखने की बात कही गई है। नोटिस के अनुसार निशा छतरपुर से पहले भोपाल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर थीं। यहां उन्हें चार इमली इलाके में शासकीय बंगला नंबर एफ-5/20 आवंटित किया गया था। इसको उन्होंने एफ-5/27 से बदलवा लिया था। नोटिस के अनुसार, भोपाल से रिलीव होने के बाद छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर ज्वाइन करने के बाद भी उन्होंने एफ-5/27 बंगले को अपने कब्जे में रखा है। यह अवैध आधिपत्य की श्रेणी में आता है।