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रीवा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी व प्राइवेट चिकित्सकों की मनमानी पर नकेल कसने वाली मप्र मेडिकल कौंसिल(एमसीआई) ने रीवा के दो चिकित्सको को नोटिस जारी किया है। इन पर लापवाही से गर्भवती महिला के मौत का आरोप है। शिकायत को संज्ञान लेते हुए मप्र मेडिकल कौंसिल ने इन दोनो चिकित्सकों से 15 दिन के भीतर जबाव तलब किया है। सरल भाषा में कहे तो रीवा के इन दो चिकित्सकों की डाक्टरी खतरे में हैं। यदि इन्होंंने संतोषजन जबाव मामले को लेकर मेडिकल काउंसिल को नहीं दिया तो इनके लाइसेंस भी निरस्त हो सकते हैं। हालांकि जिन चिकित्सकों को नोटिस जारी किए गए हैं उनके खिलाफ पूर्व में कई शिकायतें हो चुकी हैं, इतना ही नहीं इनके द्वारा संचालित नर्सिंग होम के खिलाफ भी कई कार्यवाही व शिकायत हुईं लेकिन आज भी इसका संचालन जारी है।
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nक्या है पूरा मामला…
nजानकारी के मुताबिक शहर में खुटेही में संचालित अग्रवाल नर्सिंग होम में प्रशांत सिंह के पत्नी विद्या सिंह की मौत हो गई थी, जिसके बाद उनके द्वारा इस संबंध में कई शिकायते की गई थीं, इसी में एक शिकायत पर अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ.निशा अग्रवाल और डॉ.ईशान अग्रवाल को नोटिस मप्र मेडिकल काउंसिल भोपाल ने जारी किया है। जिसमें 15 दिन के भीतर जबाव दोनो चिकित्सकों से मांगा गया है।
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nनोटिस में यह कहा…
nजारी नोटिस में मप्र मेडिकल कौंसिल भोपाल ने कहा है कि परिषद् द्वारा एलौपैथी चिकित्सकों के चिकित्सा व्यवसाय में अर्मादित आचरण, व्यवसायिक दुराचरण एवं चिकित्सीय लापरवाही के संबंध मं प्राप्त शिकायत प्रकरणों की जांच एवं कार्यवाही इंडियन मेडिकल कौंसिल(प्रोफेशन कंडक्ट, एटिकेट एडं ईथिक्स) रेम्यूलेशन 2002 के अंर्तगत की जाती है। आपके विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है कि मृतिका विद्या सिंह के डिलेवरी के दौरान की गई लापरवाही से मृत्यु हो गई। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। शिकायतकर्ता प्रशांत सिंह द्वारा प्रस्तुत शिकायत एवं अभिलेखों की छायाप्रति संलग्र कर निर्देशित किया जाता है कि इस कारणदर्शी सूचना पत्र प्राप्ति के 15 दिवस की समयावधि में अपना बिंदुवार स्पष्टीकरण बचाव के समर्थन में अभिलेख एवं आपके द्वारा धारित चिकित्सा अर्हताएं एवं पंजीयन प्रमाण पत्र की स्व-सत्यापित छायाप्रतियां अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत करें।
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