रीवा। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने रीवा को मेडिकल का हब बना दिया। अब यहां कोई भी आपरेशन या इलाज असंभव नहीं है। दिल का इलाज यहां दूर का सपना था, जिसे डॉक्टरों ने साकार करके दिखाया है। न्यूरो, यूरो से लेकर हर संभव इलाज अब रीवा में सफलता पूर्वक हो रहे हैं। चिकित्सकों का कोविडकाल के दौरान समर्पण किसी को भूला नहीं होगा। अपनों की जान भी जोखिम में डाल कर लोगों का इलाज किया था। 24 घंटे मरीजों के लिए समर्पित थे। जब अपनों का साथ लोग छोड़ रहे थे, तब यही डॉक्टर भगवान बन कर उन्हें बचाने में जुटे थे। कोविड से इन्फेक्टेड हुए फिर भी इलाज करना नहीं छोड़ा। आज का दिन इन्हीं भगवान को समर्पित करने वाला दिन है।
nn
nn
nn
nरीवा हेल्थ के मामले में बदनाम था। यहां चिकित्सा के नाम पर सिर्फ रेफर किया जाता था। अब हालात बदल गए हैं। यहां अब हर वह इलाज संभव है जिसके लिए मरीज बाहर दौड़ लगाते थेे। रीवा में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में तेजी से विकास हुआ है। बड़े बड़े अस्पताल खुल रहे हैं। बाहर से इन्वेस्टर्स आ रहे हैं। खुद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रदेश में नाम कमा रहा है। यहां ऐसे कई बड़े आपरेशन हुए जो कहीं भी सुपर स्पेशलिटी में आज तक संभव नहीं हो पाए हैं। यह सब कुछ धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के जुनून और समर्पण से ही संभव हो पाया है। इसी समर्पण का ही नतीजा है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में सरकार ने रीवा के लिए खजाना ही खोल दिया है। कई मशीनें आ रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी कई काम हो रहे हैं। रीवा में ही सबसे ऊंची बिल्डिंग का भी निर्माण होने जा रहा है। यह 8 मंजिला की होगी। संजय गांधी अस्पताल का मेडिसिन विभाग प्रदेश में सबसे ऊपर है। यहां हर साल करीब 20 हजार मरीज भर्ती होते हैं, यह संख्या प्रदेश में सबसे अधिक है। इतना ही नहीं रीवा के ही कई डॉक्टर प्रदेश की बागडोर सम्हाल रहे हैं। डीएमई भी यहीं के हैं। आने वाले समय में रीवा स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में सबको पीछे छोड़ देगा। अभी मरीज इलाज के लिए दूसरे शहर जाते हैं लेकिन आने वाले समय में बाहर से इलाज कराने लोग यहां आएंगे। इस उपलब्धि का पूर्व मंत्री व रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल को श्रेय जाता है।
nn
nn
nn
n———-
nएसजीएमएच का मेडिसिन विभाग मप्र में अव्वल
nबारिश में क्लाइमेंट चेंज हो जाता है। अस्थमा में सांस फूलने की समस्या बढ़ती है। मरीज दवाइयां जारी रखे। बुखार आता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। कलरा, टायफाइड आदि बीमारियां बारिश में बढ़ेंगी। उबाल कर पानी पिएं। मच्छरदानी जरूर लगाएं। पानी जमा न होने दें। रीवा में जुलाई से सितंबर अक्टूबर में बुखार इतना तेजी से फैसलता है कि अस्पताल मरीजों से भर जाते हैं। पिछले 10 सालों से यही स्थिति बनी रहती है। हर दिन 60 से 70 मरीज मलेरिया, टायफाइड के आते हैं। छोटी छोटी जानकारियां और बचाव लोगों को बीमार होने से बचा सकते हैं। मप्र में रीवा स्वास्थ्य के मामले में आगे हैं। सबसे ज्यादा एडमिशन करने वाला मेडिसिन डिपार्टमेंट हैं। 20 हजार मरीज एक साल में भर्ती करते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर काम हुआ है। कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है। इस पर काम कर रहे हैं।
nn
डॉ राकेश पटेल
nसह प्राध्यापक, एसजीएमएच रीवा
n————
nइंडोस्कोपी से स्पाइन सर्जरी में बनाया रिकार्ड
nसुपर स्पेशलिटी अस्पताल का न्यूरो सर्जरी विभाग इंडोस्कोपी स्पाइन सर्जरी नियमित तौर पर करने वाला प्रदेश का पहला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बन गया है। पूर्व मंत्री के प्रयास से इंडोस्कापिक सेट का क्रय किया गया। अब अधिकतर स्लीप डिस्क या साइटिका के ऑपरेशन बिना चीरा लगाए संभव है। इस तकनीक से ऑपरेशन करने की सुविधा अभी प्रदेश के किसी अन्य सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नहीं है। बिना बेहोशी के मरीज के ब्रेन का आपरेशन करना संभव हुआ है। इसी वर्ष यह उपलब्धि भी रीवा के सुपर स्पेशलिटी के न्यूरो सर्जरी विभाग को मिली है। जटिल आपेरशन में चिकित्सकों की टीम ने सफलता प्राप्त की है।
nडॉ रंजीज झा, विभागाध्यक्ष
nन्यूरो सर्जरी, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा
n——————-
nरीवा में तेजी से हो रहा काम
nएसजीएमएच, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों के लिए नए निवास बन रहे हैं। 8 मंजिला चार टॉवर बनना है। 65 मकान रहेंगे। अत्याधुनिक सुविधा युक्त भवन होगा। सभी में लिफ्ट सुविधा रहेगी। नई पीजी सीटें आ रही हैं। रेडियोलॉजी विभाग में पहली मर्तबा पीजी सीटें आ रही है। 24 घंटे सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को मिल पाएगी। सर्जरी विभाग सबसे अधिक पीजी वाला विभाग हो जाएगा। एक बैच में 20 पीजी रहेंगे। यह बड़ी उपलब्धि है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज का नया एकेडमिक बिल्डिंग भी नए सत्र में शुरू हो जाएगी। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू होने जा रही है। विदेशी कंपनियों के फंड से एमरजेंसी और क्रिटिकल केयर की बिल्डिंग भी तैयार की जाएगी। चार मंजिला बिल्डिंग होगी। उसमें सिर्फ एमरजेंसी और क्रिटिकल केयर के मरीज भर्ती होंगे। स्वास्थ्य के मामले में रीवा आगे बढ़ रहा है। डायमंड जुबली भी मनाने जा रहे हैं। पुरा छात्र इसमें शामिल होंगे।
nडॉ राहुल मिश्रा, अधीक्षक
nएसजीएमएच, रीवा
n ———–
nदिल के इलाज में इन्होंने दिलाई रीवा को पहचान
nरीवा में दिल की बीमारी का इलाज करने में सुपर स्पेशलिटी ने प्रदेश में नए रिकार्डा बनाए हैं। रीवा को ऊंचाईयों तक ले जाने में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों का ही योगदान रहा। कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ व्हीडी त्रिपाठी, डॉ एसके त्रिपाठी, डॉ हिमांशु गुप्ता, डॉ लल्लन प्रताप ङ्क्षसह, डॉ अंकित ङ्क्षसह की टीम ने ऐसे ऐसे जटिल आपेरशन किए, जिनकी उम्मीद ही नहीं की जा सकती थी। पहले दिल का आपरेशन कराने के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता था। अब सारी सुविधाएं यहीं पर कम खर्च में मिल रही हैं। मरीजों की जान बच रही है।
n————-
nचिकित्सकों का समर्पण भुलाया नहीं जा सकता। ऐसी सामान्य धारणा है कि समय बीतने के साथ चिकित्सकीय पेशे की एक आदर्श पेशे के रूप में स्थापित साख क्रमश: क्षीण हो रही है। कोविड कॉल में चिकित्सकों ने स्वयं तथा अपने परिवार के जीवन पर आसन्न संकट के परवाह न करते हुए समर्पण व सेवाभाव से अनगिनत प्राणों की रक्षा की। इस बात से इस पवित्र पेशे की गरिमा स्थापित करने में योगदान दिया है। विशेषकर शासकीय चिकित्सा तंत्र में जनमानस का विश्वास मजबूत हुआ है। कोविड काल ने लोक स्वास्थ्य तंत्र की अधोसंरचना एवं रिसर्च को मजबूत करने की तात्कालिक आवश्यकता प्रतिपादित की है। यदि हम ऐसा कर सकें तभी भविष्य में आने वाली इस तरह की अन्य किसी चिकित्सकीय आपदा से लडऩे में हमारी आगामी पीढिय़ां सक्षम हा सकेंगी। समाज एवं चिकित्सकों के सामने चुनौती है कि किस तरह मरीज व चिकित्सक के रिश्ते में विश्वास व परस्पर सम्मान के भाव को सुदृढ़ किया जा सकता है। सभी चिकित्सक बंधुओं को चिकित्सक दिवस की अनंत शुभकामनाएं।
nडॉ एसपी गर्ग, प्राध्यापक
nफोरेंसिक मेडिसिन, एसजीएमएच रीवा
n
nn