रीवा। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से लगातार लडख़ड़ाती जा रही है, आए दिन ऐसे मामले सामने आ ही जाते हैं जो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल ही देते हंै। रविवार को सामने आए एक ऐसे ही मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। दर्द से कराहते मरीज को जब 108 एम्बुलेंस नहीं मिली तो परिजन उसे चारपाई में लादकर अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसे देख हर कोई हैरान हो गया। आनन-फानन में मरीज को अस्पताल उपचार सुविधा उपलब्ध कराई गई। सगरा थाना क्षेत्र के सथनी गांव के रहने वाले हीरालाल द्विवेदी रविवार को आम के पेड़ पर चढ़कर आम तोड़ रहे थे, इसी दौरान डाल टूट जाने से वह पेड़ से नीचे जा गिरे, इस घटना में हीरालाल बुरी तरह से घायल हो गए। परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची, जिसके बाद परिजन चारपाई में लादकर मरीज को एसजीएमएच लेकर पहुंचे, जहां मरीज का इलाज किया जा रहा है।
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n2 घंटे किया इंतजार
nमरीज के भाई रावेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि उनके द्वारा घटना के तत्काल बाद 108 एम्बुलेंस को फोन किया गया। पहले तो करीब 20 मिनट तक फोन ही नहीं लगा लेकिन जब लगा तो बताने के बाद भी एम्बुलेंस करीब 2 घंटे तक नहीं पहुंची। जिसके बाद एम्बुलेंस का इंतजार छोड़ वह गांव के ही एक प्राइवेट वाहन को बुलाकर मरीज को चारपाई में लेटाकर ले आए। रावेन्द्र ने बताया कि पूर्व में ही घटना होने पर कई बार एम्बुलेंस को फोन किया गया लेकिन कभी 108 की सुविधा गांव में नहीं मिली, जबकि मात्र 10-12 किमी. की दूरी गांव की रीवा से है।
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nअस्पताल में स्टे्रचर भी नहीं मिला
nबता दें कि जब मरीज को लेकर परिजन एसजीएमएच पहुंचे तो उन्हें स्टे्रचर भी नही मिला, जिसके बाद वह मरीज को आकास्मिक चिकित्सा विभाग तक चारपाई में ही लेकर गए, जहां मरीज का उपचार शुरू होने के बाद चारपाई को बाहर किया गया। एसजीएमएच गेट में ही रखी इस चारपाई को देख हर कोई जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को कोस रहा था।
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nस्वास्थ्य व्यवस्था में लगा ग्रहण
nबता दें कि वर्ष 2023 स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए काफी खराब माना जा रहा है, वजह स्वास्थ्य विभाग में वर्ष के शुरूआत में ही डीपीएम को लेकर विवाद शुरू हुआ जो लंबे समय तक चलता रहा, इसके बाद सीएमएचओ की कुर्सी के लिए करीब ढ़ाई माह तक अफसर लड़ते रहें और राजनैतिक इशारे में अधिकारियों ने मौन साधे रखा, हाईकोर्ट की दखल के बाद निर्णय लिया गया। वहीं अब बीते डेढ़ माह से अधिक समय हो गया लेकिन वर्तमान सीएमएचओ को वित्तीय पॉवर ही नहीं दिया गया है। जिससे कर्मचारियों के भुगतान सहित कई तरह के कार्य अटके हुए हैं। राजनैतिक दबाव के चलते जिम्मेदार अधिकारियों ने भी मौन साध रखा है और वह स्वास्थ्य विभाग से किनारे किए हुए हैं। इन सब खींचतान के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था जिले की पूरी तरह से लडख़ड़ाई हुई है।
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nमामाला संज्ञान में है, इस संबंध में एम्बुलेंस का संचालन कर रही कंपनी से जबाव मांगा जाएगा, किन कारणों से से एम्बुलेंस मरीज को नहीं मिली। लापरवाही पर सख्त कार्यवाही करेंगे।
nडॉ.केपी गुप्ता, सीएमएचओ रीवा।
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