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साउथ फिल्म आदि पुरुष के आते ही फ्रांस का गुस्सा इस मूवी के ऊपर पूरी तरह से देखने को मिल रहा है।
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फिल्म देखने वालों ने इसके डायलॉग और पात्र चरित्र पर गंभीर टिप्पणी करते हुए।
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विरोधियों ने मनोज मुंतशिर के लिए भी अब शब्दों का प्रयोग किया है।
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कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने मनोज मुंतशिर को सनातन धर्म जैसे गंभीर आरोपों में भी बांधा है।
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सफाई देने के लिए मनोज मंत्री ने अपने विचार रखे।
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साउथ स्टार प्रभास की फिल्म आदि पुरुष को लेकर प्रभास को बहुत से लोग ट्रोल कर रहे है।
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मनोज मुंतशिर की स्क्रिप्ट पर तैयार यह पूरी की पूरी फिल्म जिसमें सभी पात्र चरित्रों के लिए आवश्यक परिवर्तन किए गए ।
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यहां हनुमान जी ऐसे असभ्य भाषाओं का प्रयोग करते हुए पाए गए और सोशल मीडिया पर जमकर की वीडियो भी वायरल हुई।
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तेल तेरे बाप का.!! कपड़ा तेरे बाप का.!! जलेगी भी तेरे बाप की.!!
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ऐसे अशोभनीय डायलॉग्स के चलते इस फिल्म को लोग ना पसंद कर रहे हैं।
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रावण के कैरेक्टर में सैफ अली खान को रखा गया जोकि बेहद अशोभनीय है।
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आज पुरुष पर रामायण सागर के के बेटे भी भड़क चुके हैं ।उन्होंने कहा कि पापा के अनुसार 25 साल तक कोई भी उनके जैसी रामायण नहीं बना पाएगा।
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आदि पुरुष फिल्म में दिखाए गए बीएफएक्स से लेकर डायलॉग और पात्र चरित्र तक को फैंस ने नकार दिया है।
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लोग आज पूरी फिल्म का विरोध कर रहे हैं।
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पॉपुलर टीवी शो रामायण में क्रिएटर राइटर और डायरेक्टर रहे रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने इस फिल्म के ऊपर अपनी नाराजगी जताते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
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उन्होंने कहा कि आप रावण को खूंखार विलेन की तरह बना रहे हैं।
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मैं कसने तो इस फिल्म में सारे फैक्ट्री बदल दिए हैं।
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प्रेम सागर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि मेरे पिता के जैसे रामायण 85 साल में कोई भी नहीं बना सकता।।
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आदिपुर स्टील में रामायण को गलत तरीके से पेश किया गया है।
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रामायण को मॉडर्न बनाने के चक्कर में खेल गई साउथ इंडस्ट्री हिंदुओं की आस्था के साथ खेल।
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जहां एक और अभी बॉलीवुड की ही बुरा हो रही थी हिंदू धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाता है ।
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वही आफ साउथ इन फिल्म इंडस्ट्री ने भी ऐसी फिर मना कर हिंदुओं की आस्थाओं को ठेस पहुंचाया है।
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आज पूरा देश से मनोज मुंतशिर के ऊपर भी सवाल उठा रहा है।
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लेकिन मनोज मुंतशिर ने भी अपना टि्वटर हैंडल से एक पोस्ट करते हुए कहा है ।
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कि रामकथा मे पहले भी से लेकर अंतिम तक रामकथा में पहला पाठ यही सिखाता है ।
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जो कोई भी सीख सकता है वह है हर भावना का सम्मान करना सही या गलत समय के अनुसार बदल जाता है।
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लेकिन उसकी भावनाएं रह जाती हैं।
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मनोज मुंतशिर का कह रहा है कि मैंने चार हजार से ज्यादा पंक्तियां इस संवाद में लिखी हैं ।
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इसमें 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुई हैं।
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लेकिन उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम की गाथा का यश गान किया गया मां सीता के तत्व का वर्णन किया गया।
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उसके लिए प्रशंसा भी मिलती थी जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।
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मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखें वह मेरे अपने पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेक बार कविताएं पढ़ी।
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उन्होंने मेरी मां बहन को अभद्र शब्दों से संबोधित किया।
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मैं सोचता रहा मतभेद तो हो सकता है लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई।
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श्री राम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे शबरी के चरणों में ऐसे बैठे जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हैं।
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इन सब के बाद मनोज मुंतशिर ने अपनी बातें रखते हुए निम्न पोस्ट की है।
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लेकिन इसके बाद भी लगातार आदि पुरुष फिल्म का विरोध हो रहा है।
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