nमैं अपना नाम नहीं बता सकती लेकिन मैं मप्र के चर्चित जिले की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 40 पेशे से स्कूल टीचर हूं, अपने शहर के सबसे बड़े स्कूल में मैं बच्चो को पढ़ाने का काम करती थी, मेरे पिता सरकारी इंजीनियर थे, उनकी मौत के बाद मेरे परिजनों ने मेरी शादी कर दी, मेरी शादी मेरी मर्जी के बिना की गई, जिससे मेरी शादी हुई वह मुझे बिल्कुल पसंद नहीं थे और उम्र में भी बड़े थे, लेकिन परिवार वालो की मर्जी और अपने मां और भाई की मजबूरी के आगे मैं भी बेबश थी और कुछ बोल नहीं सकी, मेरे पिता के मौत के बाद मैं परिवार के अन्य सदस्यों पर बोझ की तरह थी, मेरे परिवार के लोगो ने समीप के जिले के एक गांव में मेरी शादी करा दी, हमेशा शहर में और शान-शौकत से रहने वाली मैं अपने पिता की लाडली बेटी गांव में पहली बार कदम रखी थी, उस पर भी पति के साथ रहना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, किसी तरह मैंने अपने आप को पति व परिवार वालो के साथ गांव के परिवेश में ढ़ाला लेकिन फिर मेरे पति से ही मुझे खुशी नहीं मिल पाई, अब आप समझ रहे होंगे कि आखिर मेरे पति में क्या कमी थी कि मैं खुश नहीं हो पा रही थी, वह मुझे उकसाते तो लेकिन कभी अंतिम तक नहीं लेकर जाते थे, पहले ही वह खुद को ठंडा कर देते, बिना पसंद के बाद मैंने अपने पति के साथ किसी तरह शरीरिक जरूरतों के लिए अर्जेस्ट करना चाहा लेकिन मैं नहीं कर सकी क्योंकि मेरे पति में उत्तेजना तो थी लेकिन वह चंद सेकंडो के लिए ही थी और जब मुझमें कुछ होता तो वह शून्य हो जाते थे, ऐसे तैसे मैंने हमारा एक बेटा हुआ, और हम उसकी पढ़ाई के बहाने गांव से बाहर आए, चूंकि पति प्राइवेट नोकरी में थे और मैं पढ़ी लिखी तो मुझे एक प्राइवेट स्कूल में नोकरी मिल गई और लड़ झगड़ कर पति से मैने नोकरी के लिए तैयार कर लिया।
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मैं स्कूल जाने लगी सब कुछ मेरी जिंदगी में बोरिंग ही चल रहा था कि इसी बीच मेरे जीवन में एक युवक आया, वह भी प्राइवेट नोकरी करता था, उससे मेरी मुलाकात फेसबुक में हुई, मुझे वह पहली ही नजर में पसंद आ गया था, हमें मिले दो दिन भी नहीं हुए थे कि उसने मुझसे मिलने की इक्छा जाहिर की, मुझे भी उससे मिलने का मन हो रहा था, क्योंकि मुझे पहली बार कोई लड़का पसंद आया था, एक सख्त परिवार में रहने के चलते हमने कभी प्रेम के बारे में सोचा ही नहीं था लेकिन उस युवक में कुछ बात तो थी कि वह मुझे पहली बार में ही पसंद आ गया। मिलने की इक्छा जाहिर करने के बाद युवक ने मेरे शहर के किराए के कमरे में आने की इक्छा जाहिर की, मैंने पति व मकान मलिक के डर से इनकार कर दिया लेकिन उसने बहुत रिकवेस्ट की, फिर क्या था उसकी बात मुझे उसकी तरफ खींच रही थी, मेरे पति कुछ देर के लिए बाजार गए हुए थे, उसने दो मिनट मिलने को कहा तो मैने भी हां कर दिया, मेरी नोकरानी अंदर बर्तन धो रही थी इसलिए मुझे भी डर नहीं था कि दो मिनट आने पर कुछ भी बता दूंगी यदि पति आए तो, हां करते ही वह पांच मिनट में मेरे घर पहुंच गया, वह जैसे ही आया तो उसने बिना कुछ कहे मुझे गले लगा लिया, मैं हैरान थी लेकिन मुझे सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा था और मैं उसके तरफ खिंची जा रही थी, उसने फिर मेरे होंठो की तरफ अपने होंठ बढ़ाए तो मैने आंखे बंद कर ली। उसने मेरे होंठो को चूमना शुरु कर दिया, यह मेरी लाइफ का पहना लिप किस था, मुझे मेरे पति ने भी कभी लिप किस नहीं किया था, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन नोकरानी के डर से मैने उसे जाने को कहा, फिर मिलने का वादा किया लेकिन वह मेरे होंठो को छोडऩे को तैयार नहीं था, उसने अपने लिप से मेरे लिप को लगाए हुए मुझे सीढ़ी तक ले गया और फिर मेरे जिद और डर को देख वह वापस लौट गया।
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बस उस रात तो मानो मेरे जीवन में एक ऐसी रात थी कि मुझे नींद ही नहीं आ रही थी, सुबह का इंतजार था कि कैसे उससे मुलाकात हो, हम इसी तरह से मिलने लगे, वह मेरे पति के न रहने पर मेरे घर आने लगा, हमारे बीच शरीरिक संबंध बनने लगे, सबसे ज्यादा मैं उसे अने मम्मी के घर पर बुलाया करती थी, वहां हमारे बीच रात भर शरीरिक संबंध बनते थे और हम एक दूसरे में खोंए रहते थे, हर दूसरे दिन किसी न किसी बहाने से हम मिल ही लेते थे, कभी उसके घर तो कभी अपने घर मैं उसे बुला लिया करती थी, एक दिन मेरे पति गांव गए थे, हम दोनो के बीच में पहले से तय था कि आज हम पूरी रात एक दूसरे में खोए रहेंगे और हमारे बीच न कोई बात न ही समय की बर्बादी सिर्फ सेक्स होगा, हम दोनो एक रिकार्ड बनाना चाहते थे क्योंकि वह सेक्स में माहिर था, उसे घंटो लगते थे, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था, मैंने उसे अपने पति के गांव जाने पर घर बुलाया, बेटे को मम्मी के यहां भेज दिया। फिर क्या था उसके आने के बाद से ही हम शुरु हो गए और हमने उसे पूरी रात सेक्स किया, इसमें मुख्य बात यह थी कि उस दिन मैंने 11 बाद अपने आप को शून्य किया, वह मुझसे उम्र में 12 साल छोटा था इसलिए वह दो बार ही शून्य हुआ लेकिन उसने मुझे अपने आप में गिराते रखा। उस दिन हमने किराए के घर के हर कमरे, वाशरूम सहित किचन तक में सेक्स किया, हमने जो सोचा था वहीं हो रहा था, इसी बीच मैं चाय बनाने किचन में गई, मैं शक्कर निकालने के लिए झुकी की पीछे से कुछ अंदर गया, मैं हैरान थी कि फिर मेरे झुके-झुके ही मैनें चाय बना डाली, यह मेरी लाइफ का एक अलग अनुभव था, किचन में चाय बनाते-बनाते और बाद में चाय पीते-पीते उसने मुझे सुख दिया, हम बिना कपड़ो के रहे उस दिन हमारे बीच 11-2 का रिकार्ड बना, यानि पूरी रात के 8 घंटो में हमने 11 बार मेरा और 2 बार उसका हुआ। यह बहुत बड़ा अनुभव था पूरी रात सुख मिलना मैं आज तक नहीं भुला पाई। उसकी बात ही अलग है, वह बहुत ही अच्छा है। हालांकि इसके बाद से हमारे बीच ऐसे सुख के दिन कई बार आए और आज भी हम उस सुख के लिए एक दूसरे को छोड़ नहीं पा रहे हैं। हम एक दूसरे से बहुत खुश हैं, मेरे पति मुझ पर शक करते हैं लेकिन मुझे उससे जो खुशी मिलती है मैं उसे छोड़ नहीं पा रही।